मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने, अपडेट करने या संशोधन के बाद 15 दिन में नया वोटर आइडी कार्ड मिल जाएगा। चुनाव आयोग वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने पर भी काम कर रहा है।
अब मतदाता (Voter) को मतदाता सूची (Voter List) में नाम दर्ज करवाने, अपडेट करने या संशोधन के बाद 15 दिन में नया वोटर आइडी कार्ड मिल जाएगा। चुनाव आयोग (Election Commission) ने इसके लिए नई प्रक्रिया शुरू कर दी है। मतदाता सूची में अपडेट के 15 दिन में कार्ड मतदाता को भेज दिया जाएगा। अभी तक वोटर कार्ड (Voter ID) पहुंचने में एक महीने से ज्यादा का समय लगता है।
चुनाव आयोग ने कहा कि नई प्रणाली के तहत वोटर आइडी बनने से लेकर डाक विभाग के जरिए मतदाता तक पहुंचने तक हर चरण की रियल-टाइम ट्रैकिंग की जा सकेगी। यह प्रक्रिया निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी द्वारा कार्ड जनरेट किए जाने के बाद से शुरू होगी और कार्ड प्राप्त होने तक हर चरण की जानकारी मतदाता को एसएमएस के जरिए मिलती रहेगी।
आयोग ने नया IT सिस्टम किया लॉन्च
निर्वाचन आयोग ने बताया कि इसके लिए नया IT सिस्टम लॉन्च किया गया है। आयोग ने ECINet नाम का नया प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। जो पुराने सिस्टम की जगह लेगा। इससे प्रक्रिया में और तेजी आएगी। साथ ही, डेटा सुरक्षित होगा। चुनाव आयोग ने कहा कि डाक विभाग (DoP) का API नए सिस्टम से जुड़ा रहेगा, ताकि EPIC कार्ड की डिलीवरी बिना किसी रुकावट के हो सके। चुनाव आयोग ने बताया कि इस पहल का मकसद बेहतर सेवा देना और डेटा की सुरक्षा बनाए रखना है।
वोटिंग सेंटर्स की लाइव मॉनीटरिंग भी होगी
16 जून को चुनाव आयोग ने कहा था कि वह वोटिंग प्रक्रिया की निगरानी बढ़ाने के लिए सभी मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग करेगा। बिहार विधानसभा चुनाव में वेबकास्टिंग की प्रक्रिया लागू हो जाएगी। चुनाव आयोग ने बताया कि वेबकास्टिंग डेटा का इस्तेमाल आंतरिक रूप से किया जाएगा। बता दें कि अभी तक 50 फीसदी पोलिंग बूथ पर ही वेबकास्टिंग की जाती थी।
आधार से जुड़ेगा वोटर कार्ड
चुनाव आयोग ने कहा कि वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक किया जाएगा। इसका उद्देश्य आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची से डुप्लीकेट वोटर्स को साफ करना और पारदर्शिता लाना है। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने इसके मद्देनजर गृह मंत्रालय, विधि मंत्रालय, आईटी मंत्रालय, UIDAI के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक हाई लेवल बैठक की थी।
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