Israel Iran War ईरान ने मानी परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले की बात पहली बार सामने आया कबूलनामा
Israel Iran War के बीच एक बड़ा कबूलनामा सामने आया है।
ईरान की सरकार ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि अमेरिकी सेना द्वारा किए गए एक हमले में तेहरान के परमाणु ठिकानों को गंभीर क्षति पहुंची है।
यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब क्षेत्र में तनाव अपने चरम पर है।
कब और कैसे हुआ हमला?
- अमेरिकी सेना ने कथित तौर पर एक गुप्त ऑपरेशन के तहत ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया
- यह हमला एक सैटेलाइट-गाइडेड मिसाइल स्ट्राइक के जरिए किया गया
- ईरान के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि तेहरान के बाहर स्थित दो संवेदनशील ठिकानों को नुकसान पहुंचा

ईरान की आधिकारिक प्रतिक्रिया
- ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बयान जारी कर कहा,
“हम मानते हैं कि कुछ स्थानों पर रणनीतिक क्षति हुई है, और इसकी जांच जारी है” - सरकार ने इस हमले को “सीधा युद्ध उकसाने वाला कदम” बताया
- इसके जवाब में ईरान ने अपने सभी एयर डिफेंस सिस्टम को हाई अलर्ट पर रखा है
अमेरिका और इज़राइल की चुप्पी
- अमेरिका की ओर से इस हमले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया
- हालांकि वॉशिंगटन के सूत्रों का कहना है कि यह “पूर्व-खतरे को निष्क्रिय करने का कदम” था
- इज़राइल ने भी कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन हालिया हमलों को लेकर वह पहले ही ईरान को चेतावनी दे चुका था
वैश्विक प्रतिक्रिया और चिंता
- UN और यूरोपीय यूनियन ने इस हमले को लेकर चिंता जताई है
- उन्होंने क्षेत्र में “और अधिक भड़काव से बचने” की अपील की
- रूस और चीन ने अमेरिका की आलोचना की और कहा कि इससे वैश्विक स्थिरता को खतरा है

क्या बढ़ेगा युद्ध का दायरा?
- विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमले सीधा युद्ध की ओर संकेत कर सकते हैं
- ईरान ने कहा है कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को रुकने नहीं देगा
- अगर जवाबी हमला होता है, तो इज़राइल-अमेरिका-ईरान के बीच त्रिकोणीय युद्ध की स्थिति बन सकती है
Israel Iran War में यह पहली बार है जब ईरान ने अपने परमाणु ठिकानों को हुए नुकसान की खुली स्वीकारोक्ति की है।
यह घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि मध्य पूर्व में जारी यह संघर्ष अब नए और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है।
दुनिया की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या यह सिर्फ चेतावनी थी या फिर एक बड़े युद्ध की शुरुआत।