Amarnath Yatra सुरक्षा काफिला और नई मंज़ूरी अमरनाथ यात्रा में ये बदलाव क्यों?
Amarnath Yatra इस बार नए नियमों और सख्त सुरक्षा उपायों के साथ शुरू हो रही है, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। हाल की पाहलगाम आतंकी घटना के बाद प्रशासन ने ये बदलाव लागू किए हैं।
सुरक्षा में क्या-क्या नया है?
1. सुरक्षा काफिले के बिना यात्रा मना
- अब श्रद्धालु बिना CRPF–CAPF की सुरक्षा काफिले के यात्रा नहीं कर सकते
- यात्रा केवल पहरेदार काफिला (escort convoy) के साथ ही शुरू होगी, जिसमें जैमर, रडार, सैटेलाइट फोन-equipped वाहन शामिल होंगे
2. हेलिकॉप्टर सेवा पर रोक
- स्टेट प्रशासन ने हेलिकॉप्टर सेवा बंद करने का फैसला किया है
- अब श्रद्धालु पैदल, टट्टू या पालकी से ही यात्रा करेंगे

3. जामर्स‑ड्रोन का इस्तेमाल
- रूट पर जैमर और ड्रोन तैनात किए गए हैं
- इस बार रिकॉर्ड 581 CAPF कंपनियाँ और लगभग 50–58 हजार जवान तैनात हैं
4. ‘नो‑फ्लाइ जोन’ घोषित
- यात्रा मार्ग को 1 जुलाई से 10 अगस्त तक नो‑फ्लाइ जोन घोषित किया गया है
- ड्रोन, गुब्बारे और छोटे विमान उड़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध
5. ट्रैकिंग व पहचान व्यवस्था
- सभी यात्रियों और वाहनों को RFID टैग दिए जाएंगे
- ट्रैकिंग के लिए QR पास, स्मार्ट यत्पास व मोबाइल ऐप्स का उपयोग होगा
6. मेडिकल और कैंप व्यवस्था
- उम्र सीमा 13–70 वर्ष, साथ ही चिकित्सीय सर्टिफिकेट अनिवार्य
- पहलगाम और बालटाल मार्गों पर इन्सुलेटेड झोपड़ियाँ व मौसम-प्रतिरोधी टेंट उपलब्ध होंगे

प्रशासन की तैयारी और प्रतिक्रिया
- LG मनोज सिन्हा ने आश्वासन दिया कि सतर्कता और सुरक्षा अत्यंत पहले होगी
- ‘Operation Shiva’ नामक विशेष अभियान चलाया जा रहा है; इसमें ड्रोन, बम निस्तारण टीमें, कुक्कुर यूनिट, सैटराइट-कनेक्टेड यात्री काफिले शामिल हैं
- Amarnath Yatra में सुरक्षा अब ‘काफिला अनिवार्य’ नियम लागू है।
- हेलिकॉप्टर सेवा नहीं रहेगी; यह कदम सुरक्षा कारणों से लिया गया है।
- सुरक्षा प्रयासों में ड्रोन, जैमर, आरएफआईडी ट्रैकिंग और बड़ी संख्या में जवान शामिल हैं।
- सभी श्रद्धालुओं को पंजीकरण से लेकर स्वास्थ्य प्रमाणपत्र, पहचान टैग और सुरक्षा काफिले का पालन करना अनिवार्य है।
इन बदलावों से यह सुनिश्चित किया गया है कि मानव-आस्था की यह यात्रा, हर दृष्टि से सुरक्षित और व्यवस्थित हो, और कोई दुर्भाग्यजनक घटना ना हो।