भाजपा शासित राज्यों में बार-बार हो रही बुनियादी ढाँचे की विफलताओं पर आँखें मूंद रहा केंद्र : हरीश राव
हैदराबाद। गुजरात के वडोदरा (Vadodara) में महिसागर नदी पर बने गंभीरा पुल के ढहने की घटना के बाद, जिसमें कई लोगों की जान चली गई, बीआरएस के वरिष्ठ नेता टी हरीश राव (T Harish Rao) ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए, उन्होंने कहा कि केंद्र भाजपा शासित राज्यों में बार-बार हो रही बुनियादी ढाँचे की विफलताओं पर आँखें मूंद रहा है। उन्होंने कहा कि गुजरात, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों में पुल गिरने की घटनाएँ आम बात हो गई हैं। फिर भी, कोई जाँच या जवाबदेही नहीं है।
डायाफ्राम दीवार और कोफ़रडैम के ढहने पर चुप्पी पर उठाया सवाल
हरीश राव ने इसकी तुलना तेलंगाना के मेदिगड्डा बैराज हादसे पर भाजपा द्वारा मचाए गए राजनीतिक हंगामे से की, जहाँ चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (एनडीएसए) को राजनीतिक रंग देने के लिए आनन-फानन में दखल दिया गया था। उन्होंने आंध्र प्रदेश में एनडीएसए की देखरेख में बनी पोलावरम परियोजना की डायाफ्राम दीवार और कोफ़रडैम के ढहने पर चुप्पी पर सवाल उठाया।

भाजपा और एनडीएसए ने नहीं किया कोई हस्तक्षेप
उन्होंने आगे कहा कि तेलंगाना में मौजूदा कांग्रेस शासन के दौरान जब एसएलबीसी सुरंग, सुनकीशाला रिटेनिंग वॉल या वाटम पंप हाउस ढहा, तब भी यही चुप्पी रही। भाजपा और एनडीएसए ने कोई हस्तक्षेप नहीं किया, जिससे उनका दोहरा चरित्र उजागर होता है। वे मित्र राज्यों में होने वाली दुर्घटनाओं पर तो चुप रहते हैं, लेकिन राजनीतिक विरोधियों द्वारा शासित राज्यों में उन्हें राजनीति का हथियार बना लेते हैं।
भाजपा की ‘डबल इंजन सरकार’ लोगों की जान की गारंटी देने में नाकाम
इस बीच, बीआरएस एमएलसी के. कविता ने गुजरात में पुल ढहने की घटना को एक और उदाहरण बताया कि भाजपा की ‘डबल इंजन सरकार’ लोगों की जान की गारंटी देने में नाकाम रही है। उन्होंने 2022 के मोरबी पुल हादसे को याद करते हुए केंद्र की चुप्पी पर सवाल उठाया, जिसमें 140 से ज़्यादा लोग मारे गए थे। उन्होंने सभी राज्यों में समान जवाबदेही की माँग की और केंद्र से त्रासदियों का राजनीतिकरण बंद करने और इसके बजाय गुणवत्तापूर्ण निर्माण और जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।
केसीआर और हरीश राव के बीच क्या संबंध है?
के सी आर (K. Chandrashekar Rao) और हरीश राव के बीच रिश्ता चाचा–भतीजे का है। हरीश राव, जो छह‑बार के विधायक एवं कैबिनेट मंत्री हैं, के सी आर के छोटे भाई के पुत्र हैं।
हरीश रावत कितनी बार मुख्यमंत्री बने थे?
Harish Rawat हरीश रावत तीन बार मुख्यमंत्री बने:
- पहली बार: 1 फरवरी 2014 से 27 मार्च 2016 तक
- दूसरी बार: 21 अप्रैल 2016 से 22 अप्रैल 2016 (संक्षिप्त अवधि में पुन: नियुक्ति)
- तीसरी बार: 11 मई 2016 से 18 मार्च 2017 तक सेवा दी
हरीश राव की बेटी कौन है?
राव की एक बेटी हैं वैष्णवी राव (Vaishnavi Rao)। उन्होंने अपने भाई आर्चिष्मन के साथ अपनी पारिवारिक जीवन में हिस्सा लिया है।
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