खुल जाएंगे बंद किस्मत के ताले
सावन (Sawan) माह का आरंभ हो गया है, शिवभक्त मंदिरों में शिव (Shiva) आराधना करने में जुटे हुए हैं। आज सावन का पहला सोमवार है। माना जाता है कि सावन के सोमवार के दिन शिव जी पूजा-अर्चना करने से जातक को सुख, सौभाग्य, धन और यश की प्राप्ति होती है। भगवान शिव भक्तों के श्रद्धाभाव को देखते हुए प्रसन्न होते हैं। सावन का महीना भोलेनाथ को समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि सावन माह में भगवान शिव कैलाश पर्वत पर वास करते हैं। सावन माह में घर के कुछ जगहों पर दिए जलाने का भी विधान है।
घर में कहां जलाना चाहिए दीपक?
- वास्तु शास्त्र के मुताबिक, सावन में उत्तर-पूर्व की दिशा में दीपक जलाना बेहद शुभ माना गया है। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान शंकर की कृपा सदा भक्त पर बनी रहती है। साथ ही उसे पितृदोष से भी राहत मिल जाती है।
- शास्त्रों के मुताबिक, सावन में घर के मुख्य द्वार पर सुबह-शाम चौमुखी दीपक जलाना चाहिए। इससे घर की सारी निगेटिव एनर्जी दूर हो जाती है और मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इस उपाय को सावन के सोमवार वाले दिन जरूर करना चाहिए।
- इसके अलावा रसोई घर में दीपक जलाना भी शुभदायी माना जाता है। मान्यता है कि इससे महादेव की कृपा बरसती है। जातक के पास कभी भी धन की कमी नहीं होती। साथ ही वास्तु दोष भी दूर होता है।
- वास्तु शास्त्र के मुताबिक, सावन में रोजाना शाम को महादेव के सामने पंचमुखी दीपक जलाना चाहिए। इससे आपकी आर्थिक तंगी दूर हो जाएगी और करियर भी तेजी से दौड़ेगा।
घर के वास्तु भी हो जाते हैं ठीक
दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। ऐसे में सावन के पवित्र महीने में कुछ विशेष स्थानों पर दीपक जलाने से न केवल सकारात्मक ऊर्जा का घर में वास होता है साथ ही भोलेनाथ और अन्य देवी-देवताओं की कृपा भी बरसती है। सावन का पवित्र माह 9 अगस्त तक चलेगा। इस साल सावन में 4 सोमवार पड़ रहे हैं। मान्यता है कि सावन में भोलेनाथ की विधिपूर्वक पूजा करने से भक्तों के समस्त दुखों का नाश हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, सावन माह में कुछ खास जगहों पर दीपक जलाना अत्यंत फलदायी होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से वास्तु दोष दूर हो सकता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। शास्त्रों के मुताबिक, यह महादेव की कृपा प्राप्त करने का सबसे आसान उपाय है।
सावन महीने के पीछे की कहानी क्या है?
बता दें कि सावन के महीने में मां पार्वती ने कठिन तपस्या की थी।ये तपस्या थी प्रेम को पाने की।ये तपस्या थी शिवजी को पति के रूप में पाने की। बता दें कि जब माता सती ने अपने प्राण त्यागे थे, तभी उन्होंने ये प्रण ले लिया था।
श्रावण का संबंध भगवान शिव से क्यों है?
लिंग पुराण और शिव पुराण के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए सावन Sawan माह में कठोर तपस्या की थी। उनकी इस तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और उनकी मनोकामना पूर्ण की। इस घटना के कारण सावन माह को भक्ति और तपस्या का महीना माना जाता है।