महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी भाषा विवाद ने एक बार फिर सियासी तूल पकड़ लिया है। इस बार केंद्र में झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे के बीच जुबानी जंग ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। यह विवाद तब शुरू हुआ, जब मुंबई के मीरा रोड पर MNS कार्यकर्ताओं द्वारा एक गैर-मराठी दुकानदार की पिटाई की घटना सामने आई, जिसके बाद दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर तीखे हमले
विवाद की शुरुआत
यह पूरा मामला महाराष्ट्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत प्राथमिक स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने के सरकार के फैसले से शुरू हुआ। राज ठाकरे और शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस नीति को “हिंदी थोपने” की कोशिश करार देते हुए इसका कड़ा विरोध किया। जनता के दबाव के चलते सरकार को यह आदेश वापस लेना पड़ा, जिसे दोनों नेताओं ने अपनी जीत बताया। इस बीच, MNS कार्यकर्ताओं द्वारा मराठी न बोलने वालों के खिलाफ हिंसक घटनाओं ने विवाद को और हवा दी।
निशिकांत दुबे का हमला
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने इस मुद्दे पर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर हिम्मत है तो बिहार, उत्तर प्रदेश या तमिलनाडु आकर दिखाओ, वहां पटक-पटक कर मारा जाएगा।” उन्होंने MNS पर गुंडागर्दी का आरोप लगाया और 2007 की एक कथित विकीलीक्स रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि राज ठाकरे जन समर्थन खोने पर हिंसा का सहारा लेते हैं। दुबे ने यह भी दावा किया कि मुंबई का विकास पूरे देश के योगदान से हुआ है और ठाकरे बंधु सस्ती लोकप्रियता के लिए भाषा के नाम पर ड्रामा कर रहे हैं।
राज ठाकरे का पलटवार
राज ठाकरे ने 18 जुलाई 2025 को मीरा-भायंदर में एक जनसभा में दुबे के बयान का जवाब देते हुए कहा, “एक बीजेपी सांसद कहता है कि मराठी लोगों को पटक-पटक कर मारेंगे। दुबे, तुम मुंबई आओ, समंदर में डुबो-डुबोकर मारेंगे।” गौरतलब है कि ठाकरे ने यह बयान हिंदी में दिया, जिस पर दुबे ने तंज कसते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “मैंने राज ठाकरे को हिंदी सिखा दी?” ठाकरे ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में रहने वालों को मराठी सीखनी होगी और वह इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेंगे।
सियासी माहौल और प्रतिक्रियाएं:
इस बयानबाजी ने महाराष्ट्र और हिंदी भाषी राज्यों में तनाव बढ़ा दिया है। शिवसेना (UBT) के उद्धव ठाकरे ने दुबे की तुलना “लकड़बग्घे” से की और बीजेपी पर मराठी अस्मिता का अपमान करने का आरोप लगाया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दुबे के बयान से किनारा करते हुए कहा कि यह उचित नहीं है, लेकिन वह केवल MNS जैसे संगठन की बात कर रहे थे, न कि मराठी समुदाय की। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा गर्म है, जहां उत्तर भारतीय और मराठी समुदायों के बीच तीखी बहस छिड़ी हुई है।
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राज ठाकरे का राजनीतिक इतिहास क्या है?
ठाकरे ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत शिवसेना की छात्र शाखा भारतीय विद्यार्थी सेना की स्थापना से की। 1990 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान वे सुर्खियों में आए। 1990 के दशक में राज खुद को अपने चाचा बालासाहेब का उत्तराधिकारी मानते थे।
निशिकांत दुबे के बारे में..?
भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और मई 2009 से झारखंड में गोड्डा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्होंने 2009 (15वीं लोकसभा), 2014, 2019 और 2024 में सीट जीती है। संसदीय कर्तव्यों में उनके प्रदर्शन के लिए उन्हें 2025 में संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। व्यवसायी , कृषक और राजनीतिज्ञ ।