नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की लक्षद्वीप यात्रा के बाद जिस छोटे से बिट्रा द्वीप समूह (Bitra Islands) ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी थीं, वहां फिर चर्चा में है। लेकिन इस बार कारण पर्यटन या प्राकृतिक सौंदर्य नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। बता दें कि केंद्र सरकार (Central Government) ने संकेत दिए हैं कि इस द्वीप को अब सुरक्षा कारणों से अधिग्रहित किया जाएगा। बता दें कि लक्षद्वीप द्वीप समूह के केवल 10 द्वीप ही हैं जहां आबादी बसती है।
हाईलाइटस
- मोदी सरकार ने कहा, द्वीप को अब सुरक्षा कारणों से अधिग्रहित किया जाएगा
- लक्षद्वीप द्वीप समूह के केवल 10 द्वीप ही हैं जहां आबादी बसती है
- 11 जुलाई 2025 को लक्षद्वीप प्रशासन के राजस्व विभाग ने इसबारे में सामाजिक प्रभाव आकलन के लिए अधिसूचना जारी की है
11 जुलाई 2025 को सामाजिक प्रभाव आकलन के लिए अधिसूचना जारी की है
उसमें से एक है बिट्रा, जो भले ही भौगोलिक रूप से छोटा हो, लेकिन रणनीतिक दृष्टि से इसका महत्व अत्यंत बड़ा है। हिंद महासागर में भारत की नौसैनिक मौजूदगी और समुद्री निगरानी के लिहाज से यह द्वीप बेहद उपयोगी है। खासतौर पर चीन जैसे देश की बढ़ती समुद्री गतिविधियों को देखकर मोदी सरकार का मानना है कि बिट्रा को सैन्य दृष्टि से तैयार करना जरुरी हो गया है। बता दें कि 11 जुलाई 2025 को लक्षद्वीप प्रशासन के राजस्व विभाग ने इसबारे में सामाजिक प्रभाव आकलन के लिए अधिसूचना जारी की है। इसके तहत बिट्रा द्वीप के अधिग्रहण से वहां के समाज, संस्कृति, पर्यावरण और निवासियों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसका अध्ययन हुआ। हालांकि प्रशासन साफ कर चुका है कि ग्राम सभा या जमीन मालिकों की सहमति अनिवार्य नहीं है। लेकिन लक्षद्वीप के सांसद हमदुल्ला सईद ने इस प्रस्ताव का राजनीतिक और कानूनी दोनों स्तरों पर विरोध करने की बात कर दी है।
हिंद महासागर में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से यह द्वीप बेहद संवेदनशील है
उन्होंने कहा है कि बिट्रा जैसे पारंपरिक और शांत द्वीप को अचानक सैन्य जरूरतों के नाम पर खाली कराने की कोशिश को स्थानीय लोगों के हक के खिलाफ है, बल्कि इससे सामाजिक अशांति भी फैलेगी। सांसद सईद का आरोप है कि सरकार ने लोगों से कोई राय या सलाह नहीं ली और सीधे-सीधे अधिग्रहण शुरु कर दिया है। वहीं प्रशासन का कहना है कि हिंद महासागर में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से यह द्वीप बेहद संवेदनशील है। भविष्य में यहां किसी भी प्रकार की रक्षा सुविधाएं विकसित हो सकती हैं ताकि भारत अपनी समुद्री सीमाओं को और मज़बूत बना सके।
याद दिला दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद लक्षद्वीप को टूरिज्म बनाम डिफेंस के द्वंद्व में देखा जाने लगा है। हाल के वर्षों में सरकार ने लक्षद्वीप को ट्रांजिट हब और नेवी फॉरवर्ड पोस्ट के रूप में विकसित करने की योजनाएं बनाई हैं। बिट्रा द्वीप की भौगोलिक स्थिति अरब सागर में भारत की रणनीतिक पकड़ को और मजबूत करने में सहायक बना सकती है।
इस छोटे से द्वीप पर करीब 105 परिवार रहते हैं
बता दें कि इस छोटे से द्वीप पर करीब 105 परिवार रहते हैं, जो पीढ़ियों से वहीं बसे हैं। इसलिए लक्षद्वीप के सांसद सईद कदम का खुला विरोध कर रहे हैं। उन्होंने बिट्रा के निवासियों को भरोसा दिलाया कि उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने बिट्रा और लक्षद्वीप के नेताओं के साथ बैठक कर इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की है। दूसरी ओर, सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि 2013 के भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम के तहत सामाजिक प्रभाव आकलन (एसआईए) की प्रक्रिया अनिवार्य है। इसमें यह भी उल्लेख है कि परियोजना विकासकर्ता के रूप में राजस्व विभाग की भूमिका होगी और इस सर्वे में स्थानीय ग्राम सभा सहित सभी हितधारकों से चर्चा की जाएगी। हालांकि प्रशासन ने यह साफ कर दिया है कि ग्राम सभाओं या भूमि मालिकों की सहमति अनिवार्य नहीं है।
भारत के पास कितने आइलैंड हैं?
यहाँ भारत के द्वीपों की एक आंशिक सूची दी गई है। भारत में कुल 1,208 द्वीप (निर्जन सहित) हैं।
भारत में सबसे बड़े द्वीप का नाम क्या है?
एंड्रोट द्वीप 4.90 वर्ग किमी के क्षेत्रफल के साथ सबसे बड़ा द्वीप है, 4.66 किमी की लंबाई और अधिकतम चौड़ाई 1.43 किमी है। यह पूर्व-पश्चिम दिशा में है, 10 ° 48 ‘और 10 ° 50’ एन अक्षांश और 73 ° 38 ‘और 73 ° 42’ ई रेखांश के बीच।
लक्षद्वीप का नया नाम क्या है?
पूर्व में केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप को लक्षद्वीप, मिनिकॉय और अमिनदीवी द्वीप समूह के नाम से जाना जाता था, जिसे 1973 में संसद के एक अधिनियम द्वारा लक्षद्वीप में बदल दिया गया था। लक्षद्वीप भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश है।
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