केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर (Manipur) में जारी राजनीतिक अस्थिरता और शांति व्यवस्था की बिगड़ी स्थिति को देखते हुए राष्ट्रपति शासन की अवधि छह महीने के लिए और बढ़ा दी है। यह विस्तार 13 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Sah) ने बुधवार को लोकसभा में एक प्रस्ताव पेश कर राष्ट्रपति शासन (President’s Rule) के विस्तार को उचित ठहराते हुए कहा कि मणिपुर में शांति बहाल करने और प्रशासनिक नियंत्रण को मजबूत बनाए रखने के लिए यह कदम आवश्यक है। सदन में बहस के बाद प्रस्ताव को पारित कर दिया गया।
क्यों लगाया गया राष्ट्रपति शासन?
मणिपुर में मई 2023 से जातीय हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता का दौर जारी है। मेइती और कुकी समुदायों के बीच तनाव के कारण राज्य में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। राज्य सरकार की निष्क्रियता और हालात पर नियंत्रण की असफलता के चलते 2024 में पहली बार राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। हालांकि राज्य में केंद्र की ओर से अर्धसैनिक बलों की तैनाती और शांति वार्ताओं के प्रयास किए गए, लेकिन जमीनी हालात अभी भी पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाए हैं।
क्या मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है?
संसद ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने की पुष्टि करते हुए एक वैधानिक प्रस्ताव पारित कर दिया है, जिसे आज सुबह राज्यसभा ने मंजूरी दे दी।
अनुच्छेद 352 क्या है?
उस समय, अनुच्छेद 352 राष्ट्रपति को तीन आधारों पर आपातकाल घोषित करने की अनुमति देता था: युद्ध, बाहरी आक्रमण, या आंतरिक अशांति । “आंतरिक अशांति” वाक्यांश का उपयोग उस वाक्यांश के स्थान पर किया गया जिसे बाद में 1978 में 44वें संवैधानिक संशोधन के माध्यम से “सशस्त्र विद्रोह” में संशोधित किया गया।
Read more : Drunk Driving in Delhi : नशे में ड्राइविंग बना बड़ी चिंता