25 श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा
वारंगल। वारंगल पुलिस कमिश्नरेट द्वारा आयोजित तीन दिवसीय दूसरा तेलंगाना पुलिस ड्यूटी मीट -2025 (Telangana Police Duty Meet 2025) गुरुवार को यहां ममनूर स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में शुरू हुआ। इसका उद्घाटन तेलंगाना पुलिस अकादमी की निदेशक अभिलाषा बिष्ट (Abhilasha Bisht) और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महेश भागवत ने किया। साइबराबाद, राचकोंडा, हैदराबाद कमिश्नरेट, सीआईडी इंटेलिजेंस, एंटी-नारकोटिक्स ब्यूरो, साइबर सुरक्षा विंग, जीआरपी, आईटी और टी, ऑक्टोपस और ग्रेहाउंड सहित राज्य के सात क्षेत्रों के 400 से अधिक पुलिस अधिकारी और कर्मचारी वैज्ञानिक सहायता, तोड़फोड़-रोधी जाँच, कंप्यूटर तकनीक, डॉग स्क्वायड, पेशेवर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी से संबंधित 25 श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा करेंगे।
ड्यूटी मीट पुलिस अधिकारियों को अपने पेशे में विशेषज्ञता हासिल करने में करती हैं मदद
ड्यूटी मीट का ध्वज फहराने के बाद अभिलाषा बिष्ट ने कहा कि ड्यूटी मीट पुलिस अधिकारियों को अपने पेशे में विशेषज्ञता हासिल करने में मदद करती हैं। यह गर्व की बात है कि तेलंगाना देश में आपराधिक जाँच सहित सभी श्रेणियों में शीर्ष दो स्थानों पर है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि सभी पुलिसकर्मियों की कड़ी मेहनत का नतीजा है और उम्मीद है कि पुलिस अधिकारी और पुलिसकर्मी राष्ट्रीय स्तर की ड्यूटी मीट में अच्छा प्रदर्शन करेंगे और सभी श्रेणियों में पदक जीतेंगे। उन्होंने पुलिसकर्मियों से सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करने का आह्वान किया।
2008 में आयोजित की गई थी पुलिस ड्यूटी मीट
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महेश भागवत ने कहा कि वारंगल में यह दूसरी बार Police Duty Meet आयोजित की जा रही है और पिछली बार यहां 2008 में पुलिस ड्यूटी मीट आयोजित की गई थी। हाल ही में आयोजित 68वीं राष्ट्रीय स्तर की ड्यूटी मीट में तेलंगाना पुलिस 18 पदक जीतने वाली पहली राज्य पुलिस बन गई। उन्होंने कहा कि जल्द ही होने वाले राष्ट्रीय स्तर के आयोजन में और अधिक पदक जीतने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए।इससे पहले, वारंगल के पुलिस आयुक्त सनप्रीत सिंह ने तेलंगाना Police Duty Meet के लिए किए गए प्रबंधों की जानकारी दी। सीआईडी डीआईजी नारायण नाइक, एएसपी राम रेड्डी, डीसीपी अंकित कुमार, शेख सलीमा, राजमहेंद्र नाइक, पीटीसी प्रिंसिपल पूजा, कमांडेंट राम कुमार और रामकृष्ण और अन्य उपस्थित थे।

वारंगल के संस्थापक कौन थे?
काकतीय वंश के राजा गणपति देव को वारंगल नगर का प्रमुख संस्थापक माना जाता है। हालांकि इस क्षेत्र का विकास उनके पूर्वजों द्वारा शुरू किया गया था, लेकिन गणपति देव और उनकी पुत्री रानी रुद्रम्मा देवी के शासनकाल में वारंगल ने प्रशासन, संस्कृति और स्थापत्य कला में उच्च शिखर प्राप्त किया।
वारंगल का मतलब क्या होता है?
तेलुगु भाषा में “ओरुगल्लु” से उत्पन्न शब्द “वारंगल” का अर्थ होता है—”एक पत्थर का शहर”। ‘ओरु’ का अर्थ है ‘एक’ और ‘गल्लु’ का अर्थ है ‘पत्थर’। यह नाम यहां के विशाल एक-शिला किले और स्थापत्य से संबंधित है, जो इसकी पहचान बना।
वारंगल का पुराना नाम क्या है?
प्राचीन काल में वारंगल को “ओरुगल्लु” कहा जाता था। यह नाम इसके ऐतिहासिक पत्थर के किले और संरचनाओं के कारण पड़ा था। बाद में यह नाम स्थानीय भाषा, संस्कृति और उच्चारण के प्रभाव से बदलकर वारंगल हो गया, जो अब आधिकारिक रूप में प्रचलित है।
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