हैदराबाद। सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने राज्य विधानसभा अध्यक्ष को बीआरएस पार्टी से जीतकर सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए दस विधायकों की अयोग्यता याचिका पर तीन महीने के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया है। इसी संदर्भ में पूर्व उपमुख्यमंत्री (Former Deputy Chief Minister) कडियम श्रीहरि ने बीआरएस पार्टी नेताओं की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की।
बीआरएस पार्टी पर दलबदल कानून का उल्लंघन करने का आरोप
उन्होंने बीआरएस पार्टी पर दलबदल कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने सवाल किया कि क्या कांग्रेस पार्टी से जीतकर आए 12 विधायकों को BRS पार्टी में शामिल नहीं किया गया और उनके इस्तीफे के बिना उन्हें मंत्री पद नहीं दिया गया? उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि भारत राष्ट्र समिति पार्टी के नेता संस्थाओं और लोकतंत्र को नष्ट करने के बाद अब नैतिकता का पाठ पढ़ा रहे हैं।
अपने निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव के लिए तैयार : श्रीहरि
श्रीहरि ने भारत राष्ट्र समिति पार्टी को चुनौती देते हुए कहा कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह हमेशा सार्वजनिक क्षेत्र में लड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने बीआरएस पार्टी पर अपने दस साल के शासन के दौरान अन्य दलों और विधायकों को अपने साथ मिलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विधायकों की अयोग्यता के मुद्दे पर वे विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का पालन करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि उपचुनावों पर फैसला बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटीआर नहीं, बल्कि चुनाव आयोग करेगा।
कदियम श्रीहरि का राजनीतिक इतिहास क्या है?
k. श्रीहरि की राजनीतिक यात्रा 1987 में TDP से शुरू होकर, तेलंगाना आंदोलन में TRS/BRS में शामिल होने, डिप्टी सीएम तक पहुंचने और अंततः 2024 में कांग्रेस में शामिल होने तक फैली है।
“मंत्री श्री हरि” कौन है?
तेलंगाना के Makthal विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक हैं, जो दिसंबर 2023 में चुने गए थे।हाल ही में 6 जून 2025 को तेलंगाना सरकार में मंत्री पद की शपथ ली।