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International : रूस का दावा, अमेरिका से ज्यादा परमाणु पनडुब्बियां तैनात

Anuj Kumar
Anuj Kumar
International : रूस का दावा, अमेरिका से ज्यादा परमाणु पनडुब्बियां तैनात

मॉस्को। वरिष्ठ रूसी सांसद ने दावा किया है कि रूस के पास वर्तमान में दुनिया के महासागरों में अमेरिका से अधिक परमाणु पनडुब्बियां (Nuclear Submarines) तैनात हैं। यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की उस टिप्पणी के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने दो परमाणु पनडुब्बियों को ‘उपयुक्त क्षेत्रों’ में भेजने की बात कही थी। ट्रंप का यह कदम पूर्व रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव के अत्यधिक भड़काऊ बयानों के बाद आया था।

ट्रंप के बार-बार बयान बदलने की प्रवृत्ति का भी जिक्र किया

राज्य ड्यूमा की सीआईएस मामलों के पहले उपाध्यक्ष विक्टर वोडोलात्स्की ने कहा कि ट्रंप द्वारा भेजे गए जहाज पहले से ही रूसी नियंत्रण में हैं और मॉस्को को उनकी बातों पर प्रतिक्रिया देने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा, दुनिया के महासागरों में रुस की (न्यूक्लियर) पनडुब्बियां काफी ज्यादा हैं, (और उनके पास) सबसे मजबूत, सबसे शक्तिशाली हथियार हैं। वोडोलात्स्की ने ट्रंप के बार-बार बयान बदलने की प्रवृत्ति का भी जिक्र किया।

पनडुब्बियों को एहतियात के तौर पर तैनात करने का आदेश दिया था

दरअसल ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया (Social Media) पर मेदवेदेव के भड़काऊ बयानों के मद्देनजर दो परमाणु पनडुब्बियों को एहतियात के तौर पर तैनात करने का आदेश दिया था। उन्होंने चेतावनी दी कि शब्द बहुत अहम होते हैं और अनचाहे परिणामों को जन्म दे सकते हैं। हालांकि, ट्रंप ने पनडुब्बियों के प्रकार या उनकी तैनाती के स्थान का खुलासा नहीं किया।

इस बीच, वोडोलात्स्की ने सुझाव दिया कि अमेरिका को रूस-अमेरिका वार्ताकार समूहों के गठन और शांति बनाए रखने के लिए एक मुख्य समझौते को अंतिम रूप देने जैसे प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यह विवाद तब शुरू हुआ जब मेदवेदेव ने एक्स पर पोस्ट किया कि ट्रंप का हर नया अल्टीमेटम अमेरिका और रूस के बीच युद्ध की ओर एक कदम है। यह टिप्पणी ट्रंप द्वारा रूस-यूक्रेन संघर्षविराम की समयसीमा को 50 दिनों से घटाकर 10 दिन करने के जवाब में आई थी

भारत की परमाणु पनडुब्बी कौन सी है?

भारतीय नौसेना पोत (आई एन एस) अरिहंत (अरि: शत्रु हंतः मारना अर्थात् शत्रु को मारने वाला) परमाणु शक्ति चालित भारत की प्रथम पनडुब्बी है। इस 6000 टन के पोत का निर्माण उन्नत प्रौद्योगिकी पोत (ATV) परियोजना के अंतर्गत पोत निर्माण केंद्र विशाखापत्तनम में 2.9 अरब अमेरिका डॉलर की लागत से किया गया है।


भारत में कितने पांडुबी हैं?

भारत के पास 17 पारंपरिक पनडुब्बियों का बेड़ा है – जिनमें से कई 30 वर्ष से अधिक पुरानी हैं – और तीन परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बियां (जिनमें से एक पट्टे पर है) पाकिस्तान और चीन की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए अपर्याप्त मानी जाती हैं।

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