दिल्ली: भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक और गौरवशाली अध्याय जुड़ने जा रहा है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhansu Shukla), जो हाल ही में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से axiOM-4 मिशन पूरा करके लौटे हैं, आज 18 अगस्त 2025 को शाम 5:00 से 5:30 बजे के बीच नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। यह मुलाकात पीएम के आधिकारिक आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर होगी। शुभांशु की यह उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और गगनयान मिशन की तैयारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
शुभांशु शुक्ला कौन हैं?
शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के एक अनुभवी अधिकारी और टेस्ट पायलट हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था। उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) से प्रशिक्षण प्राप्त किया और 2002 में वायुसेना में कमीशन प्राप्त किया। एक कुशल फाइटर पायलट के रूप में, उन्होंने सुखोई-30, मिग-21, और जगुआर जैसे विमानों को उड़ाया है। उनकी अंतरिक्ष यात्रा ने उन्हें भारत का पहला ऐसा अंतरिक्ष यात्री बनाया, जिसने आईएसएस पर लंबा मिशन पूरा किया।
axiOM-4 मिशन का विवरण – प्रक्षेपण और अवधि:
शुभांशु ने 25 जून 2025 को नासा के केनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन अंतरिक्षयान के जरिए axiOM-4 मिशन शुरू किया। 26 जून को उनकी टीम आईएसएस पहुंची। यह मिशन 18 दिन तक चला, और वे 15 जुलाई 2025 को पृथ्वी पर लौटे।
– प्रयोग और अनुसंधान: इस मिशन में शुभांशु ने 31 देशों के लिए 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए। इनमें भारत के सात अनूठे प्रयोग शामिल थे, जैसे: – माइक्रोग्रैविटी में स्टेम सेल अनुसंधान – अंतरिक्ष में माइक्रोएल्गी की खेती – मांसपेशियों के नुकसान पर अध्ययन – अंतरिक्ष में खाद्य उत्पादन की संभावनाएं –
महत्व: ये प्रयोग भविष्य में मानव स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, और लंबी अवधि के अंतरिक्ष मिशनों के लिए महत्वपूर्ण हैं। शुभांशु का अनुभव भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए भी आधार तैयार करेगा, जो 2026 में लॉन्च होने की उम्मीद है।
लौटने पर स्वागत
शुभांशु 17 अगस्त 2025 को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लौटे। वहां उनका भव्य स्वागत हुआ। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, इसरो प्रमुख वी. नारायणन, और उनके परिवार के सदस्यों ने उनकी अगवानी की। हवाई अड्डे पर मौजूद भीड़ ने तालियों और नारों के साथ उनका अभिनंदन किया।
प्रधानमंत्री से मुलाकात का महत्व
स्वतंत्रता दिवस 2025 के अपने भाषण में पीएम मोदी ने शुभांशु की उपलब्धि को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की नई ऊंचाई बताया। उन्होंने कहा कि यह मिशन भारत के 2035 तक अपने अंतरिक्ष स्टेशन और 2040 तक चंद्रमा पर मानव मिशन के लक्ष्य को मजबूत करता है।
– चर्चा के बिंदु: आज की मुलाकात में शुभांशु अपने मिशन के अनुभव, प्रयोगों के परिणाम, और गगनयान मिशन की तैयारियों पर पीएम से चर्चा करेंगे। यह मुलाकात भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में निवेश और नीतियों को और गति दे सकती है।
– राष्ट्रीय गौरव: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी शुभांशु को बधाई देते हुए कहा कि उनकी सफलता युवाओं के लिए प्रेरणा है और यह भारत की वैज्ञानिक प्रगति का प्रतीक है।
शुभांशु का axiOM-4 मिशन भारत और नासा के बीच सहयोग का हिस्सा था। यह मिशन निजी अंतरिक्ष कंपनी axiOM स्पेस द्वारा संचालित था, और भारत ने इसके लिए इसरो और नासा के साथ मिलकर प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग किया। शुभांशु के साथ मिशन में पोलैंड की स्लावोस, हंगरी की टिबोर, और अमेरिका की ऐनी मेक्लेन शामिल थीं। इस मिशन ने भारत को उन चुनिंदा देशों में शामिल किया, जिनके अंतरिक्ष यात्री आईएसएस पर वैज्ञानिक कार्य कर चुके हैं।
आगे की राह
शुभांशु की इस उपलब्धि ने भारत के गगनयान मिशन को नई दिशा दी है। गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन होगा, जिसमें तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जाएगा। शुभांशु का अनुभव इस मिशन के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। इसके अलावा, भारत 2035 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है, और शुभांशु जैसे अंतरिक्ष यात्रियों की विशेषज्ञता इसमें अहम भूमिका निभाएगी।
शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा और उनकी आज की पीएम मोदी से मुलाकात भारत के अंतरिक्ष सपनों को नई उड़ान देने वाली है। यह मुलाकात न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि का उत्सव है, बल्कि भारत के वैज्ञानिक और तकनीकी भविष्य को मजबूत करने का एक अवसर भी है। जैसे-जैसे यह मुलाकात होगी, देश की नजरें इस पर टिकी हैं कि इससे भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को क्या नई दिशा मिलेगी।
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