తెలుగు | Epaper

Dev Sun Temple : जहाँ रातों-रात बदल गई दिशा

Surekha Bhosle
Surekha Bhosle
Dev Sun Temple : जहाँ रातों-रात बदल गई दिशा

जिस मंदिर में राहुल गांधी ने किए दर्शन, वहाँ हर मनोकामना मानी जाती है पूरी

Dev Surya Mandir : औरंगाबाद जिले में ‘देव’ (Dev) नामक स्थान पर स्थित यह (Sun Temple) मंदिर सूर्य भगवान को समर्पित है. जहां की प्रसिद्ध और चमत्कारी कहानी आपको भी सोचने पर मजबूर कर देगी. हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाधी ने इ मंदिर में दर्शन किए हैं. औरंगाबाद कुटुंबा में राहुल गांधी का दूसरा दिन है जहां वो वोट अधिकार यात्रा कर रहे हैं

भारत की धरती चमत्‍कारों और कहानियों से भरी हुई है. यहां हर राज्‍य, हर ज़िले में ऐसे मंदिर मौजूद हैं जिनके पीछे कोई न कोई अनोखी बात जुड़ी है. इनमें से कुछ बातों को वैज्ञानिक आज तक नहीं समझ पाए हैं और कुछ को समझने की कोशिश ही बंद कर दी गई है. ऐसा ही एक मंदिर है बिहार के औरंगाबाद ज़िले में, जिसे देव सूर्य मंदिर कहा जाता है. यह मंदिर न केवल अपने इतिहास और बनावट के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इस वजह से भी चर्चा में रहता है कि कहा जाता है, इस मंदिर ने एक रात में खुद ही अपनी दिशा बदल दी थी।

बिहार के देव सूर्य मंदिर की अनोखी कहानी

औरंगाबाद जिले में ‘देव’ नामक स्थान पर स्थित यह मंदिर सूर्य भगवान को समर्पित है. मंदिर के बारे में मान्यता है कि यह छठवीं से आठवीं सदी के बीच बना था. इसकी बनावट और नक्काशी देखने लायक है. यह मंदिर भारत के प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है, और कुछ लोग इसे त्रेता युग का भी बताते हैं।

जब बदली मंदिर की दिशा

लोककथा के अनुसार, एक समय मुगल शासक औरंगजेब भारत में कई मंदिरों को तुड़वाने में लगा था. वह देव नामक स्थान पर पहुंचा और वहां के सूर्य मंदिर को भी तोड़ना चाहता था. लेकिन मंदिर के पुजारियों ने उससे यह विनती की कि वह मंदिर को नष्ट न करे. कहा जाता है कि औरंगजेब ने तब एक शर्त रखी: अगर तुम्हारे भगवान सच में शक्तिशाली हैं, तो मंदिर का प्रवेश द्वार एक रात में पूरब से पश्चिम की ओर हो जाए।

रात भर चली पूजा, सुबह दिखा चमत्‍कार

पुजारी और गांव के लोग उस रात मंदिर में लगातार प्रार्थना करते रहे. कहते हैं अगली सुबह जब लोग मंदिर पहुंचे, तो देखा कि मंदिर का मुख्य द्वार वाकई पश्चिम की ओर हो चुका था. यह देखकर औरंगजेब हैरान रह गया और मंदिर को नष्ट करने का विचार छोड़ दिया. तभी से इस मंदिर का प्रवेश द्वार पश्चिम दिशा में है.

मनोकामना पूरी करने वाला मंदिर

Dev Sun Temple

देव सूर्य मंदिर को लेकर यह भी मान्यता है कि यहां जो भी सच्चे मन से आता है, उसकी इच्छा जरूर पूरी होती है. छठ पर्व के दौरान यहां दूर-दूर से भक्त आते हैं और सूर्य को अर्घ्य देते हैं. यह मंदिर उन गिने-चुने स्थानों में से एक है जहां सूर्य भगवान की पूजा इतनी भक्ति से होती है.

राजा ऐल की कहानी

एक और प्रसिद्ध कहानी के अनुसार सतयुग के राजा ऐल कुष्ठ रोग से पीड़ित थे. शिकार के दौरान उन्हें प्यास लगी और उन्होंने देव के एक तालाब से पानी पिया और स्नान किया. इसके बाद उनका रोग ठीक हो गया. उसी रात उन्हें सपना आया जिसमें सूर्य भगवान ने दर्शन दिए और कहा कि वे उसी तालाब में वास करते हैं. इसके बाद राजा ने वहीं सूर्य मंदिर बनवाया.

विशेष पर्व और आयोजन

यहां हर साल ‘देव सूर्य महोत्सव’ मनाया जाता है. पहले यह स्थानीय स्तर पर होता था, लेकिन 1998 से यह बड़े पैमाने पर मनाया जाने लगा. इस दिन लोग नमक नहीं खाते और सूर्य की विशेष पूजा करते हैं. इस आयोजन में देशभर से हजारों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं.

स्थापत्य की मिसाल

करीब सौ फीट ऊंचा यह मंदिर पत्थरों को जोड़कर बिना किसी चूने या सीमेंट के बनाया गया है. इसमें आयत, वृत्त, त्रिभुज जैसे कई आकारों के पत्थरों का प्रयोग हुआ है, जिससे इसकी बनावट देखने में अत्यंत आकर्षक लगती है. कहते हैं कि इसकी बनावट ओड़िशा के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर से मेल खाती है.

सूर्य मंदिर का इतिहास क्या है?

Dev Surya Mandir : सूर्य देव को समर्पित, कोणार्क का निर्माण गंग राजवंश के शासक नरसिंह देव प्रथम द्वारा 13वीं शताब्दी में किया गया था। इसकी स्थापत्य प्रतिभा और इसके कश्मीर से लेकर भारत के पूर्वी हिस्सों तक सूर्य देवता की पूजा के प्रसार के प्रमाण होने के कारण, वर्ष 1984 में इसको यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था।

प्रसिद्ध मंदिर कौन सा है?

Deo Surya Mandir: भारत में भगवान के सूर्य कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिसमें ओडिशा का कोणार्क मंदिर, गुजरात का मोढ़ेरा और कश्मीर के अनंतनाग स्थित मार्तंड मंदिर प्रमुख हैं। इस मंदिरों में भगवान सूर्य के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। सूर्य देव प्रत्यक्ष देव हैं।

अन्य पढ़ें: Kanpur : एकता की मिसाल, एक साथ पूजा और नमाज का अद्भुत तीर्थस्थल

Breaking News: Dussehra: दशहरा: शक्ति और सत्य की विजय

Breaking News: Dussehra: दशहरा: शक्ति और सत्य की विजय

Breaking News: Navami: नवमी पर हवन की विधि और सामग्री

Breaking News: Navami: नवमी पर हवन की विधि और सामग्री

Latest Hindi News : अनोखा धार्मिक उत्सव : पंडाल में EVM और 18 देवी-देवताओं का संगम

Latest Hindi News : अनोखा धार्मिक उत्सव : पंडाल में EVM और 18 देवी-देवताओं का संगम

Breaking News: Durga: माँ दुर्गा की आराधना

Breaking News: Durga: माँ दुर्गा की आराधना

Breaking News: Navratri: नवरात्रि के जौ के अंकुर

Breaking News: Navratri: नवरात्रि के जौ के अंकुर

Breaking News: Kanya Pujan:नवरात्रि 2025: कन्या पूजन की तिथि

Breaking News: Kanya Pujan:नवरात्रि 2025: कन्या पूजन की तिथि

Breaking News: Betel: नवरात्रि में पान के पत्तों के चमत्कारिक उपाय

Breaking News: Betel: नवरात्रि में पान के पत्तों के चमत्कारिक उपाय

Breaking News: Durga Ashtami: नवरात्रि अष्टमी-नवमी पूजन तिथि स्पष्ट

Breaking News: Durga Ashtami: नवरात्रि अष्टमी-नवमी पूजन तिथि स्पष्ट

Latest News Rajasthan : शक्ति पीठ, सरपंच से लेकर PM तक नवाते हैं शीश

Latest News Rajasthan : शक्ति पीठ, सरपंच से लेकर PM तक नवाते हैं शीश

Hindi News: वैष्णो देवी और विंध्याचल धाम में नवरात्रि पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, गूंज रही ‘जय माता दी’ की जयकार

Hindi News: वैष्णो देवी और विंध्याचल धाम में नवरात्रि पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, गूंज रही ‘जय माता दी’ की जयकार

Hindi News: नवरात्रि का पहला दिन; विंध्यांचल धाम सहित माता के मंदिरों में उमड़ा सैलाब, भक्तों ने की मां शैलपुत्री की आराधना

Hindi News: नवरात्रि का पहला दिन; विंध्यांचल धाम सहित माता के मंदिरों में उमड़ा सैलाब, भक्तों ने की मां शैलपुत्री की आराधना

Hindi News: वैष्णो देवी यात्रा फिर शुरू; लैंडस्लाइड के बाद श्रद्धालुओं का जत्था उमड़ पड़ा, नवरात्रि पर बोर्ड ने किए पुख्ता इंतजाम

Hindi News: वैष्णो देवी यात्रा फिर शुरू; लैंडस्लाइड के बाद श्रद्धालुओं का जत्था उमड़ पड़ा, नवरात्रि पर बोर्ड ने किए पुख्ता इंतजाम

📢 For Advertisement Booking: 98481 12870