मोदी सरकार संसद में ऐसा विधेयक लाने जा रही है, जिसके तहत अगर प्रधानमंत्री (PM) मुख्यमंत्री (CM) या मंत्री गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार होकर 30 दिन तक हिरासत में रहते हैं, तो 31वें दिन से उन्हें पद छोड़ना होगा. कांग्रेस ने इसे विपक्ष को अस्थिर करने का कदम बताया.
मोदी सरकार (Modi Government) संसद में एक अहम विधेयक लाने जा रही है, जिसके तहत हिरासत में लिए जाने पर पीएम, सीएम या मंत्री को पद से हटाया जा सकेगा. अब तक संवैधानिक प्रावधान के अनुरूप सिर्फ दोष सिद्ध होने पर जनप्रतिनिधियों को पद से हटाने की अनुमति है. हालांकि, प्रस्तावित संशोधन इससे एक कदम आगे बढ़कर है. अब गिरफ्तारी की स्थिति में भी पद पर बने रहने पर रोक लगाया जाएगा.
विधेयक में क्या प्रावधान?
दरअसल, मोदी सरकार जो विधेयक आज यानी बुधवार को जो विधेयक पेश करेगी, उसके तहत हिरासत में लिए जाने पर उन्हें प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के मंत्री को गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार कर लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रहना पड़ेगा, तो 31वें दिन से उन्हें पद छोड़ना होगा या उन्हें स्वतः पद से हटा हुआ माना जाएगा.
अमित शाह पेश करेंगे तीन मसौदा विधेयक
गृह मंत्री अमित शाह बुधवार, 20 अगस्त को लोकसभा में तीन मसौदा विधेयक पेश करेंगे, जिसमें संविधान का 130 वां संशोधन विधेयक, दूसरा केंद्र शासित प्रदेशों का शासन (संशोधन) विधेयक और तीसरा जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक शामिल हैं. इन विधेयकों को संयुक्त संसदीय समिति को भेजने और अगली संसदीय सत्र की समाप्ति से पहले रिपोर्ट प्रस्तुत करने का प्रस्ताव भी रखा जाएगा.
कांग्रेस ने जताया कड़ा विरोध
आधी रात को जब ये जानकारी मिलते ही कांग्रेस पार्टी ने सरकार के इस कदम का जमकर विरोध किया. पार्टी के वरिष्ठ नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा कि यह विधेयक विपक्ष को अस्थिर करने का सबसे अच्छा तरीका है.
विपक्ष को अस्थिर करने का तरीका
अभिषेक मनु सिंघवी ने लिखा कि कैसा दुष्चक्र! गिरफ्तारी के लिए कोई दिशानिर्देश नहीं! विपक्षी नेताओं की बेतहाशा और बेहिसाब गिरफ्तारियां. नया प्रस्तावित कानून मौजूदा मुख्यमंत्री आदि को गिरफ्तारी के तुरंत बाद हटा देता है. विपक्ष को अस्थिर करने का सबसे अच्छा तरीका है पक्षपाती केंद्रीय एजेंसियों को विपक्षी मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार करने के लिए उकसाना और उन्हें चुनावी तौर पर हराने में नाकाम रहने के बावजूद, मनमाने ढंग से गिरफ्तार करके उन्हें हटाना! और सत्तारूढ़ दल के किसी भी मौजूदा मुख्यमंत्री को कभी छुआ तक नहीं !
भारत में कुल कितने सांसद हैं?
भारत में कुल 790 सांसद हैं। इसमें लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 245 सदस्य शामिल हैं।
संसद का पुराना नाम क्या था?
इसे जनवरी 1927 में इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल के मुख्यालय के रूप में खोला गया था और इसे काउंसिल हाउस के नाम से जाना जाता था। 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, इसे भारतीय संविधान सभा ने अपने अधीन कर लिया और फिर 26 जनवरी 1950 को भारतीय संसद का मुख्यालय बना।
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