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GST Reform : रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ा बदलाव

Surekha Bhosle
Surekha Bhosle
GST Reform : रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ा बदलाव

घर बनाना होगा सस्ता, लेकिन महंगे फ्लैट्स की EMI बनी चिंता का विषय

GST Reform : सरकार द्वारा प्रस्तावित नए (GST) सुधार से रियल एस्टेट (Real Estate) सेक्टर में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। एक ओर जहां घर बनाना सस्ता होगा, वहीं दूसरी ओर लक्जरी फ्लैट्स की ईएमआई आम आदमी की जेब पर भारी पड़ सकती है

बिल्डर्स को मिलेगी राहत, खरीदारों को कम दाम पर मिल सकता है घर

  • सीमेंट, स्टील, और अन्य निर्माण सामग्री पर GST दरों में कटौती
  • लेबर कॉस्ट पर टैक्स में राहत मिलने की संभावना
  • इससे अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा मिलेगा

महंगे फ्लैट्स की EMI में इजाफा

  • इनपुट टैक्स क्रेडिट हटने से कीमतों में बढ़ोतरी
  • लक्जरी प्रोजेक्ट्स पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की सुविधा हट सकती है
  • इससे बिल्डरों को बढ़ी हुई लागत उपभोक्ताओं पर डालनी होगी
  • नतीजन, महंगे फ्लैट्स की कीमतें और EMI दोनों बढ़ सकती हैं

GST Reform : केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी (GST) को लेकर किए जाने वाले बदलाव का समर्थन राज्यों ने भी किया है. इसके तहत जीएसटी में सिर्फ 2 स्लैब रखने की सहमति बन गई है. जिसमें 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के टैक्स शामिल हैं. इसके अलावा सिन प्रोडक्ट्स पर आगे भी 40 प्रतिशत का टैक्स बना रहेगा. जीएसटी में सुधार के बाद कई सारी चीजें सस्ती होंगी. इसका असर रियल एस्टेट सेक्टर पर भी देखने को मिलेगा. इससे सीमेंट और स्टील के सस्ते होने की संभावना है. लेकिन घरों की कीमत में इजाफा हो सकता है. महंगे घर की ईएमआई बढ़ सकती है।

अभी के समय में रियल एस्टेट (Real Estate) प्रोजेक्ट्स पर अलग-अलग निर्माण सामग्री पर अलग-अलग जीएसटी दरें लागू हैं. जैसे, सीमेंट और पेंट पर 28% और स्टील, टाइल्स, सैनिटरीवेयर पर 18% टैक्स लगता है. ये अलग-अलग रेट्स प्रोजेक्ट की लागत और घरों की कीमतों को सीधे प्रभावित करते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इन दरों को एकसमान कर दिया जाए, तो डेवलपर्स की लागत काफी कम हो सकती है।

बढ़ती लागत, कम मुनाफा

GST Reform : पिछले कुछ सालों में निर्माण लागत बहुत बढ़ गई है. 2019 से 2024 के बीच ये लागत 40% तक बढ़ी, जिसमें से 27.3% की बढ़ोतरी सिर्फ तीन साल में हुई. टियर-1 शहरों में ग्रेड A प्रोजेक्ट्स की लागत 2021 में 2,200 रुपये प्रति वर्ग फुट थी, जो 2024 में बढ़कर 2,800 रुपये हो गई. ऐसे में सीमेंट और स्टील जैसी चीजों पर टैक्स में छूट से कुछ राहत मिल सकती है।

बिजनेस टुडे रिपोर्ट में टीआरजी ग्रुप के एमडी पवन शर्मा ने कहा कि किफायती घरों की मांग बढ़ी है, लेकिन आईटीसी हटने से प्रोजेक्ट्स की लागत पर बोझ पड़ता है. खासकर सीमेंट और स्टील जैसी सामग्रियों की कीमत की वजह से. उन्होंने कहा कि समय के साथ ये बढ़ी हुई लागत खरीदारों तक पहुंचती है. अगर आंशिक आईटीसी फिर से लागू हो, तो खरीदारों और डेवलपर्स दोनों को फायदा होगा।

कौन-कौन से काम आते हैं रियल एस्टेट में ?

रियल एस्टेट उद्योग में कौन से करियर आम हैं? रियल एस्टेट उद्योग में पाए जाने वाले सामान्य करियर में लीजिंग एजेंट, फौजदारी विशेषज्ञ, शीर्षक परीक्षक, गृह निरीक्षक, रियल एस्टेट मूल्यांकनकर्ता, रियल एस्टेट एजेंट और बंधक दलाल शामिल हैं।

भारत में नंबर 1 रियल एस्टेट कंपनी कौन सी है?

भारत में शीर्ष रियल एस्टेट कंपनियां 1. अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी मूल्यांकन: ₹181 करोड़ अंसल प्रॉपर्टीज़ एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर 1967 से रियल एस्टेट उद्योग का हिस्सा रहा है और अब भारत की अग्रणी रियल एस्टेट कंपनियों में से एक बन गया है।

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