नई दिल्ली । जापान के सहयोग से बनाई जा रही देश की पहली हाई स्पीड बुलेट ट्रेन (High Speed Bullet Train) पर अब तक करीब 80 हजार करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। गुजरात से मुंबई तक 508 किलोमीटर लंबे ट्रैक बिछाने का काम तेजी से चल रहा है। हालांकि, इस प्रोजेक्ट में सबसे बड़ी चुनौती समंदर के नीचे सुरंग (Tunnel) बनाना है।
जमीन अधिग्रहण और मंजूरियां पूरी
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने संसद में बताया कि प्रोजेक्ट के लिए जरूरी 1,389.5 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण पूरा कर लिया गया है। साथ ही वाइल्डलाइफ, कोस्टल रेगुलेशन जोन और वन विभाग की सभी जरूरी मंजूरियां भी मिल चुकी हैं।

पैकेज और टेंडर की स्थिति
पूरा प्रोजेक्ट 28 पैकेज में बांटा गया है, जिनमें से 24 पैकेज का टेंडर हो चुका है। इसके अलावा, सभी 1,651 यूटिलिटी शिफ्ट भी पूरी हो चुकी हैं।
ट्रैक और पियर्स का काम
- 508 किमी में से 406 किमी ट्रैक तैयार
- 350 किमी ट्रैक गुजरात में, 56 किमी महाराष्ट्र में
- 395 किमी पियर्स का काम पूरा (350 किमी गुजरात, 45 किमी महाराष्ट्र)
- 333 किमी से ज्यादा गिरडर का काम पूरा
स्टेशन और वायडक्ट का निर्माण
प्रोजेक्ट में कुल 12 स्टेशन बनने हैं, जिनमें से 8 का फाउंडेशन कार्य पूरा हो चुका है।
- गुजरात में: वापी, सूरत, वडोदरा, अहमदाबाद, साबरमती
- महाराष्ट्र में: थाणे, विरार, बोइसर
मुंबई बीकेसी टर्मिनल का काम भी लगभग पूरा हो गया है।
127 किमी लंबे वायडक्ट पर ट्रैक बिछाने का काम भी शुरू हो चुका है।
टनल और पुल सबसे बड़ी चुनौती
- गुजरात में एक टनल का काम पूरा
- समंदर के नीचे 21 किमी लंबी टनल का काम जारी
- घनसोली और सिलफटा के बीच 4 किमी टनल बनकर तैयार
- नदियों पर 17 पुल तैयार
- गुजरात और महाराष्ट्र में 4-4 बड़े पुलों का काम जारी
रोजगार और भविष्य की संभावनाएं
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट से हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा हुए हैं। सरकार का दावा है कि प्रोजेक्ट को तय टाइमलाइन पर पूरा करने का प्रयास जारी है।
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