नई दिल्ली,। 5 सितंबर 2025 से राजस्थान के जोधपुर (Jodhpur) में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की समन्वय समिति की तीन दिवसीय बैठक आयोजित होगी। हर साल होने वाली यह बैठक इस बार खास महत्व रखती है, क्योंकि हाल के दिनों में आरएसएस और बीजेपी (RSS and BJP) के रिश्तों में बदलाव देखने को मिल रहा है।
आरएसएस की शताब्दी से पहले बड़ी बैठक
यह बैठक 2 अक्टूबर 2025 को संघ की स्थापना के 100 साल पूरे होने से ठीक एक महीने पहले हो रही है। ऐसे में यह आयोजन संघ और बीजेपी दोनों के लिए अहम संकेत माना जा रहा है।
मोदी के संकेत और संघ का महत्व
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 15 अगस्त को अपने भाषण में जिस तरह से आरएसएस की सराहना की, वैसा पहले कभी नहीं हुआ था। इससे पहले राष्ट्रीय आयोजनों में संघ का जिक्र तक करने से परहेज किया जाता था। इसके तुरंत बाद पीएम मोदी ने उपराष्ट्रपति पद के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया, जिनका संघ से गहरा जुड़ाव रहा है।
आरएसएस के शीर्ष नेतृत्व की मौजूदगी
जोधपुर बैठक में आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सभी 6 सह-सरकार्यवाह और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। साथ ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य और कोऑर्डिनेटर भी इस बैठक का हिस्सा होंगे।
32 संगठनों का प्रतिनिधित्व
इस बैठक में संघ परिवार से जुड़े 32 संगठन भी शामिल होंगे। इनमें –
- राष्ट्र सेविका समिति
- विश्व हिंदू परिषद (VHP)
- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP)
- वनवासी कल्याण आश्रम
- भारतीय किसान संघ
- विद्या भारती
- भारतीय मजदूर संघ
जैसे प्रमुख संगठन शामिल हैं।
बीजेपी नेताओं की मौजूदगी
बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महासचिव बीएल संतोष, साथ ही सुनील बंसल, शिवप्रकाश, सौदान सिंह और वी. सतीश भी मौजूद रहेंगे। यह दिखाता है कि पार्टी के लिए यह बैठक कितनी रणनीतिक रूप से अहम है।
भागवत के बयान से अटकलें तेज
हाल ही में मोहन भागवत ने कहा था कि 75 साल की उम्र पूरी होने पर सार्वजनिक जीवन से संन्यास लेकर नए लोगों को अवसर देना चाहिए। राजनीतिक हलकों में इसे प्रधानमंत्री मोदी के लिए इशारा माना जा रहा है, जो इस साल 17 सितंबर को 75 साल के हो जाएंगे। खुद भागवत भी इसी वर्ष 75 के हो रहे हैं और संघ की परंपरा के मुताबिक उन्हें भी जल्द उत्तराधिकारी का नाम घोषित करना होगा। हालांकि माना जा रहा है कि यह घोषणा संघ के शताब्दी वर्ष पूरे होने से पहले नहीं होगी।
RSS में कौन-कौन से पद होते हैं?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्य पदों में सरसंघचालक (सर्वोच्च प्रमुख), सरकार्यवाह (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) और सह-सरकार्यवाह (संयुक्त सचिव के समान भूमिका) शामिल हैं। इन पदों के अलावा, संघ की संगठनात्मक संरचना में प्रांत, विभाग, ज़िले और मंडल जैसे विभिन्न स्तरों पर संघचालक, कार्यवाह और प्रचारक जैसे अन्य पदाधिकारी भी होते हैं।
भागवत आरएसएस का मुखिया कौन है?
मोहन मधुकर राव भागवत जन्म 11 सितंबर 1950) 2009 से एक दक्षिणपंथी हिंदुत्व अर्धसैनिक संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के छठे और वर्तमान सरसंघचालक (प्रमुख) हैं। नागपुर पशु चिकित्सा कॉलेज (बीवी एससी)
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