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Rajiv Ranjan: अमेरिका से तनाव के बीच राजीव रंजन बने एनडीबी उपाध्यक्ष

Dhanarekha
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Rajiv Ranjan: अमेरिका से तनाव के बीच राजीव रंजन बने एनडीबी उपाध्यक्ष

भारत को मिला न्यू डेवलपमेंट बैंक में बड़ा पद

नई दिल्‍ली: न्यू डेवलपमेंट बैंक ने डॉ. राजीव रंजन(Rajiv Ranjan) को वाइस प्रेसीडेंट और चीफ रिस्क ऑफिसर नियुक्त किया है। पांच साल की इस नियुक्ति को भारत के लिए एक अहम उपलब्धि माना जा रहा है। खास बात यह है कि यह फैसला ऐसे समय हुआ है जब भारत(India) और अमेरिका(United States) के रिश्तों में खटास देखी जा रही है। एनडीबी पहले ब्रिक्स डेवलपमेंट बैंक के नाम से जाना जाता था और इसका मकसद उभरती अर्थव्यवस्थाओं में विकास परियोजनाओं को गति देना है

राजीव रंजन का अनुभव और भूमिका

डॉ. रंजन(Rajiv Ranjan) 35 वर्षों से अधिक अनुभव रखने वाले अनुभवी बैंकर हैं। उन्होंने 1989 में भारतीय रिजर्व बैंक से करियर की शुरुआत की थी। मई 2022 से वे कार्यकारी निदेशक और मौद्रिक नीति समिति के सदस्य के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे थे।

उन्होंने आरबीआई के मौद्रिक नीति विभाग, अंतरराष्ट्रीय विभाग और विदेशी निवेश संचालन जैसे अहम क्षेत्रों में कार्य किया है। 2012 से 2015 तक वे ओमान के सेंट्रल बैंक में आर्थिक नीति विशेषज्ञ भी रहे। उनकी भूमिका भारत की मौद्रिक नीति और वित्तीय स्थिरता को मजबूत करने में अहम रही है।

विशेषज्ञता और वैश्विक योगदान

डॉ. रंजन(Rajiv Ranjan) को मैक्रोइकॉनॉमिक पॉलिसी, वित्तीय बाजार संचालन, जोखिम प्रबंधन और विदेशी मुद्रा जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल है। उन्होंने भारत की आर्थिक नीति निर्माण में गहरी छाप छोड़ी है। साथ ही उन्होंने G20, IMF, वर्ल्ड बैंक, OECD और SAARC जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ काम किया है।

उनके शोध और लेखन आर्थिक व विकास नीतियों पर केंद्रित रहे हैं। उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से मास्टर डिग्री और मुंबई विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की है।

नियुक्ति का रणनीतिक महत्व

Rajiv Ranjan

एनडीबी, वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ जैसी पश्चिमी संस्थाओं का विकल्प माना जाता है। इसमें भारत, ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका संस्थापक सदस्य हैं। डॉ. रंजन की नियुक्ति भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका को रेखांकित करती है और यह संकेत देती है कि भारत अब विकासशील देशों की नीतियों में निर्णायक योगदान देने की स्थिति में है।

यह कदम भारत की सॉफ्ट पावर को मजबूत करेगा और रणनीतिक स्तर पर चीन व रूस के साथ साझेदारी में भी संतुलन लाएगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि अमेरिका के साथ मौजूदा तनावपूर्ण रिश्तों के बीच यह भारत के लिए वैश्विक आर्थिक मंच पर अपनी पकड़ और मजबूत करने का अवसर है।

डॉ. राजीव रंजन का अनुभव कितना लंबा है?

डॉ. रंजन के पास 35 वर्षों से अधिक का बैंकिंग और आर्थिक नीतियों का अनुभव है। उन्होंने आरबीआई, ओमान के सेंट्रल बैंक और कई अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में अहम भूमिकाएं निभाई हैं।

न्यू डेवलपमेंट बैंक का मुख्य उद्देश्य क्या है?

एनडीबी का उद्देश्य ब्रिक्स और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं में बुनियादी ढांचे और सतत विकास परियोजनाओं को वित्तीय सहयोग देना है। यह पारंपरिक पश्चिमी संस्थाओं का एक पूरक विकल्प है।

इस नियुक्ति का भारत के लिए क्या महत्व है?

डॉ. रंजन की नियुक्ति से भारत एनडीबी में और अधिक प्रभावशाली बन सकेगा। यह भारत की वैश्विक साख बढ़ाने के साथ ही रणनीतिक स्तर पर उसे मजबूती प्रदान करेगा।

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