घर-घर में गूंजेगा ‘गणपति बप्पा मोरया’
- गणेश चतुर्थी का महत्व
- यह दिन भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
- विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता की पूजा से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- 10 दिन तक चलने वाले इस पर्व का समापन अनंत चतुर्दशी को होता है।
🕗 गणपति स्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त
- प्रातः कालीन मुहूर्त:– समय: सुबह 6:20 से 8:50 तक (स्थानीय पंचांग के अनुसार अंतर संभव)।
- मध्यान्ह मुहूर्त (मुख्य): समय: 11:05 से 1:30 बजे तक। यह समय विशेष रूप से श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि इसी समय भगवान गणेश का जन्म हुआ था।
गणेश चतुर्थी तिथि 2025
Ganesh Chaturthi : इस बार भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी (Chaturthi) तिथि का प्रारंभ 26 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 54 मिनट पर होगा। इसका समापन 27 अगस्त की दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर हो रहा है। उदया तिथि के मुताबिक गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त को मनाया जाएगा।
स्थापना मुहूर्त
ज्योतिषियों के मुताबिक गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना (Installation of idol) के लिए 27 अगस्त को सुबह 11 बजकर 05 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 40 मिनट तक का शुभ मुहूर्त रहेगा। आप इस अवधि में गणपति जी की मूर्ति की स्थापना कर सकते हैं।
गणेश चतुर्थी दुर्लभ संयोग
इस बार गणेश चतुर्थी पर प्रीति, सर्वार्थ सिद्धि, रवि के साथ इंद्र-ब्रह्म योग का संयोग बना रहेगा। वहीं कर्क में बुध और शुक्र के होने से लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होगा। इसके अलावा गणेश चतुर्थी पर बुधवार का महासंयोग तिथि की महत्ता को गई गुना बढ़ा रहा है।
गणेश चतुर्थी पंचांग 2025
- सूर्योदय सुबह 05 बजकर 57 मिनट पर
- सूर्यास्त शाम 06 बजकर 48 मिनट पर
- चंद्रोदय सुबह 09 बजकर 28 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 28 मिनट से 05 बजकर 12 मिनट तक
- विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 22 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 48 मिनट से 07 बजकर 10 मिनट तक
- इस दिन निशिता मुहूर्त रात 12 बजे 12 बजकर 45 मिनट तक
गणेश चतुर्थी क्या है?
गणेश चतुर्थी , हिंदू धर्म में हाथी के सिर वाले देवता के जन्म का उत्सव मनाने वाला एक त्योहार गणेश (गणेश), समृद्धि, बुद्धि और विघ्न-निवारण के देवता हैं। यह त्यौहार हिंदू पंचांग के छठे महीने, भाद्रपद (अगस्त-सितंबर) के चौथे दिन ( चतुर्थी ) से शुरू होता है।
गणेश चतुर्थी पर स्थापना कब होती है?
गणेश चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर गणेश जी का ध्यान करें। स्नान-ध्यान के बाद घर और मंदिर की अच्छे से साफ-सफाई करें। गणेश जी की स्थापित के लिए एक मंडप सजाएं, जिसके लिए फूल, रंगोली और दीपक आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बाद एक कलश लेकर उसमें गंगाजल, रोली, चावल, सिक्के और आम के पत्ते डालकर इसे मंडप में स्थापित कर दें।
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