रेलवे टिकट संग मिलेगी मील सुविधा
नई दिल्ली: नई दिल्ली से चल रही प्रीमियम ट्रेनों की तर्ज पर अब अन्य ट्रेनों में भी टिकट बुकिंग के समय खाने की सुविधा मिलने लगी है। यात्रियों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने यह कदम उठाया है। अभी तक राजधानी, शताब्दी(Shatabdi) और वंदे भारत(Vande Bharat) जैसी ट्रेनों में ही टिकट के साथ खाना बुक करने का विकल्प था। फिलहाल यह नई सुविधा 20 ट्रेनों में ट्रायल के तौर पर शुरू की गई है और जल्द ही इसे बढ़ाया जाएगा।
20 ट्रेनों में ट्रायल, यात्रियों को राहत
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में पहले टिकट के साथ मील बुकिंग की व्यवस्था नहीं थी, जिसके कारण यात्रियों को सफर के दौरान वेंडरों से खाना खरीदना पड़ता था। इससे कई बार एमआरपी से अधिक राशि वसूले जाने की शिकायतें भी आती थीं।
इस समस्या को देखते हुए रेलवे ने डिब्रूगढ़-कन्याकुमारी विवेक एक्सप्रेस से इस सुविधा की शुरुआत की। आईआरसीटीसी सिस्टम से टिकट बुक करते समय अब एक पॉप-अप पर यात्री वेज और नॉन-वेज मील बुक कर सकते हैं। इस प्रयोग के सफल रहने पर इसे 20 ट्रेनों तक बढ़ा दिया गया है।
जल्द ही 50 ट्रेनों तक विस्तार

अधिकारियों का कहना है कि सितंबर तक 50 ट्रेनों में यह सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी। इससे यात्रियों को यात्रा के दौरान खाने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी और उन्हें गुणवत्तापूर्ण खाना समय पर मिलेगा। इसके अलावा अवैध वेंडरों से खरीदारी की समस्या भी खत्म होगी।
रेलवे का मानना है कि इस पहल से यात्रियों की संतुष्टि बढ़ेगी। साथ ही सफर के दौरान बार-बार ट्रेन से बाहर जाकर खाना खरीदने की मजबूरी से भी छुटकारा मिलेगा। अभी तक के ट्रायल को सफल माना जा रहा है और रेलवे इसे ज्यादा से ज्यादा ट्रेनों में लागू करने की योजना बना रहा है।
नई सुविधा की शुरुआत क्यों की गई है?
यात्रियों की शिकायतें थीं कि वेंडर एमआरपी से अधिक कीमत वसूलते हैं और सफर के दौरान गुणवत्तापूर्ण खाना नहीं मिल पाता। इसी समस्या का समाधान करने के लिए यह नई व्यवस्था शुरू की गई है।
यात्री खाना बुक कैसे कर सकते हैं?
आईआरसीटीसी से टिकट बुकिंग के दौरान एक पॉप-अप विकल्प मिलेगा, जिस पर क्लिक करके यात्री वेज या नॉन-वेज मील चुन सकते हैं। अगर कोई यात्री मील नहीं लेना चाहता है तो उसे मजबूरी नहीं होगी।
फिलहाल कितनी ट्रेनों में ट्रायल चल रहा है?
अभी तक यह सुविधा 20 ट्रेनों में दी जा रही है। रेलवे का लक्ष्य है कि सितंबर तक इसे 50 ट्रेनों तक पहुंचाया जाए ताकि अधिक यात्रियों को लाभ मिले।
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