भगवान गणेश की पूजा में फूलों का महत्व
गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद मास में धूमधाम से मनाया जाता है। शास्त्रों में उल्लेख है कि बिना फूल के कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है। भगवान गणेश(Lord Ganesha) को फूल अर्पित करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इसलिए गणेश चतुर्थी 2025 के अवसर पर बप्पा को उनके प्रिय पांच विशेष फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है।
गेंदे और गुड़हल के फूल का महत्व
भगवान गणेश को गेंदे के फूल अत्यंत प्रिय हैं। मान्यता है कि इन फूलों को चढ़ाने से आरोग्य प्राप्त होता है और आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं। पूजा के दौरान प्रायः गेंदे के फूल ही सबसे अधिक उपयोग किए जाते हैं। यही कारण है कि इन्हें शुभ और मंगलकारी माना गया है।
गणेशजी को गुड़हल(Hibiscus) का फूल(Flowers) चढ़ाना भी बहुत फलदायी है। ऐसा करने से व्यक्ति अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है और जीवन में समृद्धि आती है। साथ ही भगवान गणेश अपने भक्तों के समस्त कष्टों का नाश कर देते हैं।
पारिजात, कंद और अपराजिता के फूल
पारिजात के फूल(Flowers) संतान सुख के लिए अर्पित किए जाते हैं। मान्यता है कि यह फूल चढ़ाने से संतान प्राप्ति में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं। माता-पिता यदि अपने बच्चों के लिए गणेशजी से प्रार्थना करें तो शीघ्र ही सकारात्मक फल मिलते हैं।
भगवान गणेश को कंद के फूल अर्पित करने से घर में सुख और शांति बनी रहती है। इन फूलों का महत्व पारिवारिक प्रेम और सामंजस्य से भी जुड़ा हुआ है। वहीं, अपराजिता के फूल विवाह में बाधा झेल रहे लोगों के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं। इन्हें अर्पित करने से विवाह की इच्छा पूर्ण होती है।
गणेशजी की पूजा में फूल क्यों आवश्यक हैं?
शास्त्रों के अनुसार, फूल पवित्रता और भक्ति का प्रतीक हैं। भगवान को प्रिय वस्तु अर्पित करने से वे शीघ्र प्रसन्न होकर भक्तों की कामनाएं पूर्ण करते हैं।
गेंदे के फूल चढ़ाने से क्या लाभ होता है?
गेंदे के फूल भगवान गणेश को अत्यंत प्रिय हैं। इन्हें अर्पित करने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है और आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं।
विवाह की बाधा दूर करने के लिए कौन सा फूल चढ़ाना चाहिए?
विवाह में आने वाली अड़चनों को दूर करने के लिए भगवान गणेश को अपराजिता के फूल अर्पित करने चाहिए। इसे करने से शीघ्र ही विवाह का योग बनता है।
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