लखनऊ : मुख्यमंत्री (Chief Minister) योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी बीमारू राज्य नहीं था, बल्कि बेईमान राजनीतिक दलों (Political Parties) ने इसे बीमारू राज्य बना दिया था। भ्रष्टाचार और बंदरबांट की राजनीति ने इस समृद्ध प्रदेश को पहचान के संकट में धकेल दिया था। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले नियुक्तियों में बंदरबांट होती थी, योग्य अभ्यर्थी भेदभाव और भ्रष्टाचार के शिकार होते थे।
1947 के बाद 1960 तक यूपी देश का अग्रणी प्रदेश था: योगी
उन्होंने कहा कि 1947 के बाद 1960 तक यूपी देश का अग्रणी प्रदेश था, जिसका योगदान 14% से अधिक था। लेकिन 1960 के बाद गिरावट शुरू हुई और 1990 के बाद यह और तेज हो गई। 2017 तक यूपी का योगदान 8% से भी कम हो गया। सीएम योगी बुधवार को लोकभवन सभागार में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के तहत चयनित 2,425 मुख्य सेविकाओं और 13 फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दौरान खाद्यान्न उत्पादन, इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश में यूपी पिछड़ता गया। नौजवान यूपी से बाहर जाते थे, लेकिन वहां भी पहचान का संकट झेलते थे। यह दंगों और परिवारवादी राजनीति का परिणाम था, जिसने यूपी को लूट का अड्डा बना दिया।

आज युवाओं को मिल रहे रोजगार के सुनहरे अवसर : सीएम योगी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि महिला और बाल विकास विभाग के तत्वाधान में नवचयनित मुख्य सेविकाओं और फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र वितरण प्रदेश भर की बेटियों के लिए अवसर है। उन्होंने सभी नवचयनितों को बधाई देते हुए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को इस निष्पक्ष प्रक्रिया के लिए धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा कि हर युवा के मन में सपना होता है और सरकार का दायित्व है कि उसे मंच दे। युवा प्रतिभाशाली और ऊर्जावान होता है, लेकिन जब वह भेदभाव और भ्रष्टाचार का शिकार होता है, तो यह राष्ट्रीय क्षति है। 2017 से पहले यूपी में नियुक्तियां नहीं होती थीं, होती भी तो बंदरबांट और भ्रष्टाचार के चलते योग्य युवा पीछे रह जाते थे। नतीजा, यूपी बीमारू राज्य बन गया।
विपक्ष के पास मुद्दा नहीं, सिर्फ नकारात्मकता है : मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश में स्कूल मर्जर को लेकर मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास मुद्दा नहीं, सिर्फ नकारात्मकता है। जर्जर भवनों को शिफ्ट करने और छात्र-शिक्षक अनुपात सुधारने का प्रयास राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हिस्सा है। एक जर्जर भवन गिरने से बच्चे मरे, लेकिन विपक्ष भ्रम फैलाता है। हम खाली विद्यालयों में प्री-प्राइमरी और बाल वाटिका चलाएंगे, 5000 बाल वाटिकाएं सफलतापूर्वक संचालित भी हैं। सीएम योगी ने कहा कि इन विद्यालयों में विभिन्य गतिविधियों के माध्यम से पोषण मिशन से 3-6 वर्ष के बच्चों का मानसिक विकास होगा, जो स्वस्थ समाज के लिए महत्वपूर्ण है।
उत्तर प्रदेश में कौन सी जाति सबसे ज्यादा है?
यादव जाति (OBC वर्ग) उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी जातियों में से एक मानी जाती है।
यूपी में नंबर 1 जिला कौन सा है?
“नंबर 1 जिला” की परिभाषा किस आधार पर है (आबादी, विकास, शिक्षा, GDP)? अलग-अलग मानदंडों पर अलग-अलग ज़िले नंबर 1 हो सकते हैं:
- आबादी में: प्रयागराज और कानपुर नगर बड़े जिले हैं, लेकिन लखनऊ सबसे अधिक विकसित और प्रशासनिक दृष्टि से प्रमुख माना जाता है।
- विकास/इन्फ्रास्ट्रक्चर में: लखनऊ और नोएडा (गौतम बुद्ध नगर) टॉप पर माने जाते हैं।
- शिक्षा में: इलाहाबाद (प्रयागराज) और लखनऊ प्रमुख हैं।
इसलिए, आमतौर पर लखनऊ को नंबर 1 जिला माना जाता है।
UP में कितने जिले हैं 2025 में?
2025 में उत्तर प्रदेश में 75 जिले हैं।
हालांकि समय-समय पर नए जिले बनाने के प्रस्ताव आते रहते हैं, लेकिन आधिकारिक रूप से 2025 तक जिलों की संख्या 75 ही है।
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