बैंकॉक: थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा को पद से बर्खास्त(Dismiss) कर दिया है। यह निर्णय कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन के साथ हुई एक टेलीफोन बातचीत के कारण लिया गया, जिसमें उन्होंने नैतिक मानकों का उल्लंघन किया।
इस बातचीत में उन्होंने हुन सेन को ‘चाचा’ कहकर संबोधित किया था, जिसे कोर्ट ने अनुचित माना। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब थाईलैंड और कंबोडिया(Combodia) के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव बढ़ रहा है।
‘चाचा’ कहने पर विवाद और राजनीतिक आरोप
पैतोंगतार्न शिनावात्रा पर यह आरोप था कि उन्होंने कंबोडिया के राष्ट्रपति हुन मानेट के पिता हुन सेन को फोन पर ‘चाचा’ कहा था। यह संबोधन थाईलैंड में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया क्योंकि हुन सेन और पैतोंगतार्न के पिता, पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा(Thaksin Shinawatra) के बीच पहले से ही अच्छे संबंध थे।
विपक्षी दलों ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री ने इस तरह के संबोधन से राष्ट्रीय सम्मान का उल्लंघन किया है। इस लीक हुई कॉल में पैतोंगतार्न ने कंबोडिया के सैन्य कमांडर को ‘प्रतिद्वंदी’ भी कहा था, जिसने विपक्षी पार्टियों को थाईलैंड की सेना के अपमान का आरोप लगाने का मौका दिया।
सीमा विवाद और राजनीतिक उथल-पुथल
इस घटना के बाद, थाईलैंड में राजनीतिक तनाव और बढ़ गया। जुलाई में थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर भीषण सैन्य झड़पें हुईं, जिसमें 40 से अधिक लोग मारे गए और लगभग 3 लाख लोग विस्थापित हुए। पैतोंगतार्न शिनावात्रा को समर्थन देने वाली मुख्य गठबंधन पार्टी ने इस विवाद के बाद सरकार से दूरी बना ली, जिससे उनकी स्थिति और कमजोर हो गई।
अदालत ने उन्हें बर्खास्त(Dismiss) करते हुए कहा कि उन्होंने कोई बेईमानी नहीं की, लेकिन उनका व्यवहार नैतिक मानकों के अनुरूप नहीं था।
राजनीतिक भविष्य और अदालत का फैसला

अदालत के इस फैसले से पैतोंगतार्न शिनावात्रा के राजनीतिक भविष्य पर गहरा असर पड़ा है। वह हाल के वर्षों में बर्खास्त(Dismiss) होने वाली दूसरी और पिछले 17 सालों में अदालत द्वारा पद से हटाई गई पांचवीं प्रधानमंत्री बन गई हैं।
हालांकि उन्होंने अदालत में यह कहा था कि उन्होंने हमेशा थाईलैंड के हित में काम किया है, लेकिन यह फैसला उनके राजनीतिक करियर के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। इस फैसले से थाईलैंड की राजनीति में और अधिक उथल-पुथल आने की संभावना है।
पैतोंगतार्न शिनावात्रा को किस आरोप में बर्खास्त किया गया?
शिनावात्रा को थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने नैतिक नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में बर्खास्त कर दिया। यह आरोप कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन के साथ उनकी एक लीक हुई फोन कॉल से संबंधित था, जिसमें उन्होंने हुन सेन को ‘चाचा’ कहकर संबोधित किया था।
उनकी बर्खास्तगी के पीछे मुख्य कारण क्या था?
मुख्य कारण उनकी टेलीफोन बातचीत थी, जिसमें उन्होंने कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन को ‘चाचा’ कहकर संबोधित किया। इस बातचीत को विपक्षी दलों ने राष्ट्रीय सम्मान और सेना के अपमान के रूप में देखा, क्योंकि इसमें उन्होंने कंबोडिया के सैन्य कमांडर को ‘प्रतिद्वंदी’ भी कहा था। इस घटना के बाद, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर सैन्य तनाव बढ़ गया।
पैतोंगतार्न शिनावात्रा की बर्खास्तगी का उनके राजनीतिक भविष्य पर क्या असर पड़ा?
इस बर्खास्तगी से पैतोंगतार्न शिनावात्रा के राजनीतिक भविष्य पर गहरा असर पड़ा है। वह पिछले 17 सालों में अदालत द्वारा हटाई गई पांचवीं प्रधानमंत्री बन गई हैं, और यह फैसला उनके राजनीतिक करियर के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। इस घटना ने थाईलैंड में राजनीतिक उथल-पुथल को जन्म दिया है, जिससे भविष्य की राजनीति में अस्थिरता की संभावना है।
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