कचरे में फेंका गया नवजात बच्चा
- एक निर्दयी मां ने नवजात शिशु को जन्म देते ही कचरे में फेंक दिया।
- यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है।
बोरी में लपेटकर कूड़े में डाला गया
- बच्चे को एक बोरी में बंद कर कचरे के ढेर में फेंक दिया गया था।
- बोरी को सड़क किनारे इस तरह फेंका गया, मानो उसमें कोई बेकार वस्तु हो।
Maharashtra : मां की ममता हारी…लेकिन मासूम की ज़िंदगी बच गई। महाराष्ट्र (Maharashtra) के छत्रपती संभाजीनगर में 24 वर्षीय गर्भवती महिला ने बच्चे को जन्म दिया और नवजात को बोरी में डालकर सड़क किनारे कचरे में फेंक दिया।
महाराष्ट्र के छत्रपती संभाजीनगर (Chhatrapati Sambhajinagar) से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां पति से अलग रह रही 24 वर्षीय गर्भवती महिला ने अकेले ही घर पर बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद महिला ने परिवार से यह बात छिपाने के लिए उसने बच्चे की नाल काटकर, महज दो घंटे बाद नवजात को बोरी में डालकर सड़क किनारे कचरे में फेंक दिया। हालांकि, कहावत है कि ‘जाको राखे साइयां, मार सके न कोई। ठीक ऐसे ही नवजात बच्चे की जान चमत्कारिक रूप से बच गई।
कैसे सुरक्षित रहा बच्चा?

महिला ने नवजात बच्चे को फेंक तो दिया लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। सुबह की ठंड में बोरी सड़क पर पड़ी थी जिसमें बच्चा था। इस बोरी को आवारा कुत्तों ने दो बार फाड़ने की कोशिश की। इतना ही नहीं, यह बोरी एक बार बस के नीचे भी आ गई। इसके बावजूद बच्चा चमत्कारिक रूप से सुरक्षित रहा।
तीन-तीन बार मौत को मात दी
गुरुवार सुबह साढ़े पांच बजे पुंडलिकनगर, गजानन महाराज मंदिर रोड पर यह हृदयविदारक मामला उजागर हुआ। इसके बाद सतर्क नागरिकों ने नवजात की जान बचाई। सबसे बड़ी बात यह है कि मासूम ने तीन-तीन बार मौत को मात देकर जिंदगी की जंग जीत ली।
पुलिस ने क्या एक्शन लिया?
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी महिला को हिरासत में लिया और पूछताछ में उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। उसके खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। इस घटना ने सभी को झकझोर दिया है। मां का यह निर्मम चेहरा इस समाज को झकझोरने वाला है।
छत्रपति संभाजी नगर का पुराना नाम क्या था?
स्थानीय शासी निकाय, नगर निगम ने 1995 में नाम परिवर्तन पर एक प्रस्ताव पारित किया। 29 जून 2022 को, शिवसेना के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र कैबिनेट ने मराठा साम्राज्य के दूसरे छत्रपति, संभाजी भोसले के नाम पर औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर करने को मंज़ूरी दे दी।
संभाजी नगर औरंगाबाद का इतिहास क्या है?ऐतिहासिक महत्व
सदियों से, यह विभिन्न राजवंशों और शासकों के प्रभाव में रहा है। बाद में मुगल सम्राट औरंगजेब के सम्मान में इसका नाम औरंगाबाद रखा गया, और आधुनिक समय में, छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी महाराज के सम्मान में इसका नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर कर दिया गया है।
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