दस महिला अधिकारी करेंगी दुनिया का चक्कर
नई दिल्लीः भारतीय सेना, नौसेना(Navy) और वायु सेना(Air Force) की दस महिला अधिकारी एक अभूतपूर्व यात्रा पर निकलने जा रही हैं। वे भारतीय सशस्त्र सेवा पोत त्रिवेणी पर सवार होकर पूरी दुनिया का भ्रमण करेंगी। यह पहला अवसर है जब भारतीय सेना की महिला अधिकारी इस तरह का वैश्विक अभियान करेंगी। इस दौरान वे 26,000 से अधिक समुद्री मील की दूरी तय करेंगी, भूमध्य रेखा को दो बार पार करेंगी और तीन प्रमुख केपों को पार करेंगी।
कठिन समुद्री चुनौतियों से सामना
भारतीय सेना(Navy) ने जानकारी दी कि टीम दक्षिणी महासागर और ड्रेक पैसेज जैसे सबसे कठिन समुद्री मार्गों से गुजरेगी। यह केवल एक नौकायन अभियान नहीं बल्कि भारत(India) की समुद्री परंपरा में गर्व का प्रतीक माना जा रहा है। इस मिशन से वर्दी में नारी शक्ति का प्रदर्शन होगा और तीनों सेनाओं के साहसिक समन्वय की झलक मिलेगी। 11 सितंबर से शुरू हो रही यह यात्रा भारत की समुद्री इतिहास में नया अध्याय जोड़ने वाली है।
इस यात्रा का उद्देश्य महिलाओं की क्षमता, आत्मविश्वास और साहस को उजागर करना है। अभियान भारत की वैश्विक उपस्थिति को भी मजबूती देगा। साथ ही यह दर्शाता है कि भारतीय महिला अधिकारी दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
त्रिवेणी पोत और पूर्व की सफलता
IASV त्रिवेणी भारतीय सेना(Navy) द्वारा निर्मित एक विशेष नौकायन पोत है, जिसे लंबी दूरी की यात्राओं के लिए डिज़ाइन किया गया है। महिला अधिकारियों को इसी पोत पर दुनिया घूमने का अवसर मिला है। इससे पहले अप्रैल 2025 में एक अखिल महिला दल ने मुंबई से सेशेल्स और वापस की यात्रा सफलतापूर्वक पूरी की थी।
उस अभियान में तीनों सेनाओं की महिला अधिकारियों ने लगभग 55 दिनों में 3,600 समुद्री मील की दूरी तय की थी। मई 2025 में मुंबई लौटकर उन्होंने भारत के समुद्री और सैन्य इतिहास में नई मिसाल कायम की थी। अब वही दल बड़े पैमाने पर वैश्विक स्तर पर चुनौती स्वीकार करने जा रहा है।
महिला अधिकारियों का यह अभियान कब शुरू होगा
यह ऐतिहासिक यात्रा 11 सितंबर 2025 से आरंभ होगी और इसमें कई महीने लग सकते हैं। महिला दल को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है ताकि वे कठिन परिस्थितियों का सामना सफलतापूर्वक कर सकें।
इस मिशन का भारत के लिए क्या महत्व है
यह मिशन भारत की नारी शक्ति और त्रि-सेवा एकता का प्रतीक है। इससे देश का गौरव बढ़ेगा और दुनिया को भारतीय महिला अधिकारियों की साहसिक क्षमता का पता चलेगा।
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