दुबई: अफगानिस्तान के कप्तान राशिद खान(Rashid Khan) ने एशिया कप(Asia Cup) के आयोजकों द्वारा बनाए गए कार्यक्रम पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि उनकी टीम के लिए यह “आदर्श” कार्यक्रम नहीं है कि वे दुबई में रहकर हर मैच के लिए लगभग दो घंटे का सफर तय कर अबू धाबी जाएं।
उन्होंने अपनी टीम के कार्यक्रम पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि एक दिन सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होना और उसी दिन शाम को मैच के लिए लंबी यात्रा करना बहुत अजीब है।
पेशेवर क्रिकेटर होने की मजबूरी
हालांकि, राशिद खान(Rashid Khan) ने यह भी कहा कि एक पेशेवर क्रिकेटर होने के नाते उन्हें इस तरह की परिस्थितियों को स्वीकार करना पड़ता है। उन्होंने कहा, “अबू धाबी(Abu Dhabi) में खेलना और तीनों मैचों के लिए दुबई में रहना, यह अलग बात है।”
उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे पहले भी इसी तरह की कठिन यात्राएं कर चुके हैं, जैसे कि बांग्लादेश से अमेरिका जाकर सीधे मैच खेलना। उनका कहना है कि एक बार जब वे मैदान में उतरते हैं, तो इन सभी परेशानियों को भूलकर केवल खेल पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
श्रीलंकाई कप्तान ने भी जताई थकान
श्रीलंकाई कप्तान चरित असलंका ने भी कार्यक्रम को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ लगातार दो मैचों के बाद सीधे दुबई आने और आराम करने के लिए बहुत कम समय मिलने की बात कही। उन्होंने कहा कि इतने कम समय में इतने सारे मैच खेलना बहुत मुश्किल है और वे बहुत थके हुए हैं। असलंका ने कहा कि इस गर्मी में अपनी फिटनेस का ध्यान रखना और पहले मैच में 100% प्रदर्शन करना बहुत महत्वपूर्ण है।
राशिद खान ने अपने कार्यक्रम को “आदर्श” क्यों नहीं कहा?
खान(Rashid Khan) ने अपने कार्यक्रम को “आदर्श” नहीं कहा क्योंकि उनकी टीम को दुबई में रहना पड़ रहा है, जबकि उनके मैच अबू धाबी में हो रहे हैं। इस वजह से उन्हें हर मैच के लिए लगभग दो घंटे की यात्रा करनी पड़ रही है, जो एक खिलाड़ी के लिए थकान भरी होती है और उनके प्रदर्शन पर असर डाल सकती है।
श्रीलंकाई कप्तान चरित असलंका ने कार्यक्रम को लेकर क्या चिंता व्यक्त की?
कप्तान चरित असलंका ने कहा कि जिम्बाब्वे के खिलाफ लगातार दो मैच खेलने के बाद सीधे दुबई आने से उन्हें आराम और ठीक होने का बहुत कम समय मिला है। उन्होंने कहा कि इतनी गर्मी में अपनी फिटनेस बनाए रखना मुश्किल है और उन्हें तरोताजा महसूस करने के लिए कुछ दिनों की छुट्टी की जरूरत है।
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