मस्जिदों के बाहर सूअर के सिर फेंके जाने से बढ़ा तनाव
पेरिस: फ्रांस की राजधानी पेरिस और उसके आसपास के इलाकों में कम से कम 9 मस्जिदों के बाहर सूअर के सिर फेंके जाने की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यह हरकत देश में मुसलमानों के खिलाफ बढ़ती नफरत(Islamophobia) को उजागर करती है। इनमें से 5 सिरों पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का नाम लिखा हुआ था, जिससे इस घटना में राजनीतिक पहलू भी जुड़ गया है। मुसलमानों के लिए सूअर का मांस खाना और उससे संपर्क रखना इस्लाम में सख्त मना है। इस घटना के बाद, फ्रांसीसी अधिकारियों ने मुस्लिम समुदाय(Muslim Community) के प्रति अपना समर्थन जताते हुए शांति बनाए रखने की अपील की है, जबकि जांच जारी है।
विदेशी हस्तक्षेप की आशंका और बढ़ती इस्लाम विरोधी घटनाएं
फ्रांस के गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलो ने कहा है कि उनका मंत्रालय मुस्लिम नागरिकों के लिए शांतिपूर्ण ढंग से धर्म का पालन सुनिश्चित करेगा। पेरिस पुलिस चीफ लॉरेंट नुनेज(Laurent Nunez) ने इस घटना के पीछे किसी विदेशी हस्तक्षेप की संभावना से इनकार नहीं किया है, उनका मानना है कि यह फ्रांस को अस्थिर करने का एक प्रयास हो सकता है। अतीत में, फ्रांस ने रूस पर ऐसे ही मतभेद पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब फ्रांस में नस्लवाद और इस्लाम विरोधी(Islamophobia) भावनाएं बढ़ रही हैं। मानवाधिकार आयोग की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से जून 2025 के बीच 181 मुस्लिम विरोधी घटनाएं दर्ज की गईं, जो पिछले साल की तुलना में 81% अधिक हैं।
मुस्लिम समुदाय में भय और निराशा
इस घटना ने फ्रांस के मुस्लिम समुदाय के बीच डर और निराशा(Islamophobia) का माहौल पैदा कर दिया है। पेरिस की एक मस्जिद के अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी घटनाएं डरावनी हैं और उन्हें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि आगे और क्या हो सकता है। मुस्लिम विरोधी भेदभाव(Islamophobia) के खिलाफ लड़ने वाले समूह ADDAM के प्रमुख बसीरू कैमारा के अनुसार, मस्जिदों में जाने वाले लोग अब लगातार असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। यह घटना दिखाती है कि फ्रांस में धार्मिक सद्भाव के लिए खतरा बढ़ रहा है, जिसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
फ्रांस में हाल ही में मुसलमानों के खिलाफ क्या घटना हुई?
पेरिस और आसपास के इलाकों में 9 मस्जिदों के बाहर सूअर के सिर फेंके गए। इनमें से 5 सिरों पर राष्ट्रपति मैक्रों का नाम लिखा था। यह घटना देश में बढ़ती इस्लाम विरोधी(Islamophobia) भावना को दर्शाती है।
फ्रांस के अधिकारियों ने इस घटना पर क्या प्रतिक्रिया दी है?
यहाँ के गृह मंत्री ने मुस्लिम समुदाय को शांति का आश्वासन दिया है। पुलिस ने इस घटना के पीछे विदेशी हस्तक्षेप की संभावना से इनकार नहीं किया है। जांच जारी है और घटना को नफरत(Islamophobia) फैलाने और भेदभाव को बढ़ावा देने वाले प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
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