केरल हाईकोर्ट ने मामले की जांच के निर्देश दिए
केरल उच्च न्यायालय ने सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple) की मूर्तियों पर सोने की परत चढ़ाने में हुई धांधली की जांच के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने पाया है कि साल 2019 में जब मंदिर की मूर्तियां सोने की परत चढ़ाने के बाद वापस मंदिर आईं तो उनके वजन में चार किलो सोना कम था। न्यायालय ने मंदिर के मुख्य सतर्कता एवं सुरक्षा अधिकारी, जो त्रावणकोर देवासम बोर्ड के पुलिस अधीक्षक भी हैं, को सबरीमाला मंदिर में मूर्तियों से कथित रूप से सोने के नुकसान की विस्तार से जांच करने का निर्देश दिया है।
कैसे हुई कथित धांधली
सोने की यह धांधली मंदिर के द्वारपालक (संरक्षक देवता) की मूर्तियों में हुई है। जस्टिस राजा विजयराघवन वी और जस्टिस केवी जयकुमार की पीठ ने कहा कि जब 2019 में नए सिरे से (Gold) सोना चढ़ाने के लिए द्वारपालकों की मूर्तियों से प्लेटों को हटाया गया था, तो उनका वजन 42.8 किलोग्राम था, लेकिन चेन्नई स्थित जिस फर्म को सोने की परत चढ़ाने का काम सौंपा गया था, उसके यहां वजन करने पर मूर्तियों के वजन में करीब 4.54 किलोग्राम की कमी थी। अदालत ने कहा, ‘4.541 किलोग्राम की साफ कमी है। यह एक चिंताजनक बात है जिसकी विस्तृत जांच की जरूरत है’।
मरम्मत के लिए भेजते समय न्यायालय की मंजूरी भी नहीं ली गई
अदालत ने कहा कि द्वारपालक की मूर्तियां साल 1999 में आधिकारिक स्वीकृति के आधार पर स्थापित की गई थीं और इन मूर्तियों की 40 साल की वारंटी थी। हालांकि, केवल छह वर्षों के भीतर ही मूर्तियों में समस्या उत्पन्न हो गई, जिसके कारण मूर्तियों का मरम्मत कार्य शुरू करना पड़ा। यह विवाद तब शुरू हुआ जब त्रावणकोर देवासम बोर्ड (टीडीबी) ने 2019 में द्वारपालक की मूर्तियों पर लगे सोने से मढ़े तांबे के प्लेटों को मरम्मत और पुनः सोना मढ़ने के लिए भेजा। गौरतलब है कि मूर्तियों को भेजने के लिए विशेष आयुक्त या न्यायालय से मंजूरी भी नहीं ली गई थी।
सारे तथ्यों को ध्यान में रखकर उच्च न्यायालय ने टीडीबी के मुख्य सतर्कता एवं सुरक्षा अधिकारी, पुलिस अधीक्षक को एक व्यापक जांच करने के निर्देश दिए हैं।। साथ ही सभी अभिलेखों की जांच करने और तीन सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। पीठ ने आदेश दिया कि सभी रजिस्टर सतर्कता अधिकारी को सौंप दिए जाएं और टीडीबी को जांच में सहयोग देने का निर्देश दिया गया है।
सबरीमला मंदिर की कहानी क्या है?पौराणिक सन्दर्भ
कहते हैं, शास्ता का जन्म मोहिनी वेषधारी विष्णु और शिव के समागम से हुआ था। उन्हीं अयप्पन का मशहूर मंदिर Sabarimala Temple पूणकवन के नाम से विख्यात 18 पहाडि़यों के बीच स्थित इस धाम में है, जिसे सबरीमला श्रीधर्मषष्ठ मंदिर कहा जाता है। यह भी माना जाता है कि परशुराम ने अयप्पन पूजा के लिए सबरीमला में मूर्ति स्थापित की थी।
सबरीमाला मंदिर में कौन सा भगवान मौजूद है?
सबरीमाला Sabarimala Temple श्री धर्म संस्था मंदिर ( मलयालम उच्चारण: [ʃabəɾiमाला] ) एक हिंदू मंदिर है जो भगवान अय्यप्पन को समर्पित है, जिन्हें धर्म शास्ता के नाम से भी जाना जाता है और वे देवता शिव और मोहिनी (भगवान विष्णु का महिला अवतार ) के पुत्र हैं।
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