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Breaking News: Hyundai: हुंडई के कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा

Dhanarekha
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Breaking News: Hyundai: हुंडई के कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा

सैलरी में ₹31,000 की भारी बढ़ोतरी

नई दिल्ली: दिवाली से पहले, हुंडई(Hyundai) मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) ने अपने कर्मचारियों को एक बड़ा तोहफा दिया है। कंपनी ने यूनाइटेड यूनियन ऑफ हुंडई(Hyundai) एम्प्लॉइज के साथ एक तीन साल का वेतन समझौता किया है। इस समझौते के तहत, कर्मचारियों की सैलरी में कुल ₹31,000 प्रति माह की बढ़ोतरी होगी। यह वेतन वृद्धि तीन सालों में चरणों में दी जाएगी: पहले साल 55%, दूसरे साल 25% और तीसरे साल 20%। कंपनी का दावा है कि यह समझौता ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में अब तक का सबसे बेहतरीन समझौता है

कर्मचारियों के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता

इस समझौते के माध्यम से हुंडई(Hyundai) ने अपने कर्मचारियों के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता(Strong Commitment) जाहिर की है। कंपनी के अधिकारी यंगम्युंग पार्क ने बताया कि हुंडई(Hyundai) की सफलता की नींव उसके कर्मचारी हैं और यह समझौता आपसी विश्वास और सम्मान का प्रतीक है। वेतन बढ़ोतरी के अलावा, कंपनी अपने कर्मचारियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और वेलनेस प्रोग्राम भी प्रदान करेगी। यह कदम कर्मचारियों के लिए एक बेहतर कार्य माहौल बनाने और उनके कल्याण को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

कंपनी और यूनियन का लेखाजोखा

यह समझौता HMIL के लगभग 90% तकनीशियन और वर्कमैन कैडर को कवर करता है, जिनका प्रतिनिधित्व UUHE यूनियन करती है। यह यूनियन 2011 में बनी थी और 31 अगस्त, 2025 तक इसके 1,981 सदस्य थे। यह खबर ऐसे समय में आई है जब हुंडई मोटर इंडिया अपने शेयरों की लिस्टिंग के बाद बाजार में अच्छा प्रदर्शन कर रही है। पिछले साल, कंपनी भारत का सबसे बड़ा आईपीओ (IPO) लेकर आई थी, जिसका आकार ₹27,870 करोड़ था। इस आईपीओ के तहत, हुंडई(Hyundai) की दक्षिण कोरियाई मूल कंपनी ने अपनी कुछ हिस्सेदारी बेची थी।

हुंडई मोटर इंडिया और उसकी कर्मचारी यूनियन के बीच हुए समझौते की अवधि क्या है?

हुंडई(Hyundai) मोटर इंडिया लिमिटेड और यूनाइटेड यूनियन ऑफ हुंडई एम्प्लॉइज के बीच हुआ वेतन समझौता तीन साल की अवधि के लिए है, जो 1 अप्रैल, 2024 से 31 मार्च, 2027 तक प्रभावी रहेगा।

उसका आईपीओ (IPO) भारतीय शेयर बाजार के लिए क्यों महत्वपूर्ण था?

हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ इसलिए महत्वपूर्ण था क्योंकि यह ₹27,870 करोड़ के साथ भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ था। यह इस बात का संकेत था कि भारत में विदेशी कंपनियों का भी बड़ा निवेश है और भारतीय शेयर बाजार निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन रहा है।

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