गया। पितृपक्ष मेला के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) धर्मनगरी गया (Gaya Ji) पहुंच गई हैं। उनके साथ बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी मौजूद हैं। गया एयरपोर्ट पर उनकी गरिमामयी स्वागत के बाद वे सीधे विष्णुपद मंदिर के लिए रवाना हुईं।
पिंडदान का उद्देश्य
राष्ट्रपति अपने पितरों (Pitro) की आत्मा की शांति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए पिंडदान कर रही हैं। दोपहर 12 बजे उनके दिल्ली लौटने का कार्यक्रम है। इससे पहले शुक्रवार को रिलायंस समूह के चेयरमैन मुकेश अंबानी भी गया में पिंडदान कर चुके हैं।
सुरक्षा व्यवस्था और तैयारियाँ
राष्ट्रपति के आगमन को लेकर पुलिस-प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। गया एयरपोर्ट से विष्णुपद मंदिर तक सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए मॉक ड्रिल भी की गई। राष्ट्रपति का काफिला निर्धारित मार्ग से मंदिर पहुंचेगा और वापसी भी इसी मार्ग से होगी।
ट्रैफिक रूट में बदलाव
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में राष्ट्रपति आगमन के दौरान बदलाव किया गया है। प्रमुख मार्गों पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है और लोगों से वैकल्पिक मार्ग अपनाने की अपील की गई है। संवेदनशील स्थानों पर मजिस्ट्रेट और सुरक्षा जवान तैनात रहेंगे।
द्रौपदी मुर्मू की आयु कितनी है?
श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का जन्म 20 जून, 1958 को ओडिशा में दूरस्थ मयूरभंज जिले के उपरबेड़ा गांव में एक संथाल आदिवासी परिवार में हुआ।
द्रौपदी मुर्मू पहले क्या काम करती थीं?
द्रौपदी मुर्मू ने राज्य की राजनीति में आने से पहले एक स्कूल शिक्षिका के रूप में शुरुआत की थी। मुर्मू ने श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, रायरंगपुर में सहायक प्रोफेसर और ओडिशा सरकार के सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम किया।
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