दाम नहीं घटाए तो होगी कार्रवाई
मुंबई: केंद्र सरकार ने जीएसटी(GST 2.0) दरों में कटौती की घोषणा के बाद एक बड़ा कदम उठाया है। 22 सितंबर से लागू होने वाले इन नए नियमों के तहत, सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी की योजना बनाई है कि कम हुई कीमतों का लाभ सीधे उपभोक्ताओं(Consumers) तक पहुंचे। इसके लिए, सेंट्रल और स्टेट जीएसटी(GST 2.0) विभाग के अधिकारी बाजारों में अचानक औचक निरीक्षण करेंगे। इन अधिकारियों को 54 वस्तुओं की एक सूची दी गई है, जिनके दाम कम किए गए हैं। यदि निरीक्षण में यह पाया जाता है कि टैक्स कटौती के हिसाब से कीमतें नहीं घटाई गई हैं, तो संबंधित दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें उनके टैक्स क्रेडिट(Tax Credit) को ब्लॉक करना शामिल है। इसका मतलब यह है कि व्यापारियों को अपनी बिक्री पर अधिक टैक्स देना होगा।
ब्रांड्स की जिम्मेदारी और ग्राहकों की राय
सरकार का यह मानना है कि कम हुई जीएसटी(GST 2.0) दरों का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाना कंपनियों और ब्रांड्स की जिम्मेदारी है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम (CBIC) के पूर्व चेयरमैन विवेक जौहरी के अनुसार, सरकार ने कंपनियों पर भरोसा किया है और उन्हें तेजी से टैक्स रिफंड कर रही है ताकि वे कीमतें कम कर सकें। हालांकि, सरकार अपनी निगरानी भी जारी रखेगी। यदि ग्राहकों की शिकायतें आती हैं या निगरानी में यह पता चलता है कि लाभ नहीं मिला है, तो कंपनियों के स्पेशल ऑडिट का आदेश दिया जा सकता है। एक हालिया सर्वे के अनुसार, 78% लोगों का मानना है कि ब्रांड्स को यह सुनिश्चित करने के लिए एक ठोस सिस्टम बनाना चाहिए कि कीमतों में कमी हो।
उपभोक्ताओं को लाभ मिलने में चुनौतियाँ
पिछले अनुभवों से पता चलता है कि टैक्स कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाना एक चुनौती रही है। लोकलसर्कल्स के एक सर्वे के अनुसार, 2018-19 में की गई टैक्स कटौती के बाद केवल 10 में से 2 उपभोक्ताओं ने ही कीमतों में कमी महसूस की थी। आधे से अधिक लोगों को लगा कि इसका लाभ निर्माता, वितरक या रिटेलर ने खुद ही रख लिया। इस बार, सरकार की सख्त निगरानी और कार्रवाई की योजना यह दर्शाती है कि वह इस समस्या को गंभीरता से ले रही है। 54 वस्तुओं की सूची बनाकर और फील्ड अफसरों को इसे सौंपकर, सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि इस बार जीएसटी 2.0 का लाभ आम जनता तक प्रभावी ढंग से पहुंचे।
जीएसटी 2.0(GST 2.0) के तहत सरकार किन तरीकों से कीमतों की निगरानी करेगी?
सरकार जीएसटी(GST 2.0) दरों में कटौती के बाद कीमतों की निगरानी के लिए सेंट्रल और स्टेट जीएसटी विभाग के फील्ड अफसरों द्वारा बाजारों में औचक निरीक्षण कराएगी। इन अफसरों को 54 वस्तुओं की एक सूची दी गई है, जिनके दाम घटाए गए हैं। वे इन वस्तुओं को खरीदकर देखेंगे कि क्या कीमतें वास्तव में कम हुई हैं। यदि नहीं, तो दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
दाम नहीं घटाने पर दुकानदारों पर क्या कार्रवाई हो सकती है?
यदि दुकानदार टैक्स कटौती के हिसाब से कीमतों में कमी नहीं करते हैं, तो जीएसटी विभाग उनके टैक्स क्रेडिट को ब्लॉक कर सकता है। इसका मतलब है कि दुकानदार अपनी खरीदी गई वस्तुओं पर चुकाए गए टैक्स को अपनी बिक्री पर लगने वाले टैक्स से समायोजित नहीं कर पाएगा, जिससे उसे सरकार को अधिक टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा।
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