नई दिल्ली। आज, 21 सितंबर को साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लगने जा रहा है। यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और भारत से दिखाई नहीं देगा। चूँकि यह भारत में दृश्यमान नहीं है, इसलिए यहाँ सूतक काल (Sutak Period) लागू नहीं होगा।हालाँकि, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर ग्रहण का असर प्रकृति और वातावरण पर पड़ता है। माना जाता है कि ग्रहण के समय नकारात्मक ऊर्जा अधिक सक्रिय हो जाती है। खास बात यह है कि यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि (Kanya Rashi) में घटित हो रहा है, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?
खगोलविदों के अनुसार, यह ग्रहण मुख्य रूप से दक्षिणी गोलार्ध में दिखाई देगा।
- न्यूजीलैंड
- ऑस्ट्रेलिया
- फिजी
वहीं, उत्तरी और दक्षिण अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और एशिया के ज़्यादातर हिस्सों, जिनमें भारत भी शामिल है, वहां यह नहीं दिखाई देगा।
सूर्य ग्रहण का समय (भारतीय समयानुसार)
- शुरुआत: 21 सितंबर, रात 11:00 बजे
- मध्य/पीक: 22 सितंबर, रात 1:11 बजे
- समापन: 22 सितंबर, सुबह 3:23 बजे
इस तरह यह ग्रहण लगभग 4 घंटे 23 मिनट तक चलेगा।
भारत में सूतक काल लागू होगा या नहीं?
चूँकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा और रात में लगेगा, इसलिए यहाँ सूतक काल मान्य नहीं होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भले ही सूतक प्रभावी न हो, लेकिन ग्रहण से जुड़ी सामान्य सावधानियों का पालन करना उचित माना जाता है।
सामान्य नियम के अनुसार सूतक
आमतौर पर सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले प्रारंभ होता है और ग्रहण समाप्त होने तक रहता है। हिसाब से 21 सितंबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण का सूतक भारतीय समयानुसार सुबह 11 बजे से 22 सितंबर की सुबह 3:23 बजे तक रहेगा।
21 सितंबर 2025 को क्या होगा?
21 सितंबर, 2025 को आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। चंद्रमा सूर्य के एक भाग को ढक लेगा। इससे अर्धचंद्राकार आकृति बनेगी। यह ग्रहण सितंबर विषुव के साथ मेल खाता है।
Read More :