लखनऊ/रामपुर: समाजवादी पार्टी (SP) के बड़े नेता आजम खान का नाम तो सुना ही होगा, रामपुर के ‘नवाब’ कहलाते थे! लेकिन अब इनके ऊपर 104 आपराधिक केस हो गए हैं, और 93 तो सिर्फ रामपुर में! जमीन हड़पने से लेकर भैंस-बकरी चोरी, किताब चुराने तक, ऐसा कोई कांड नहीं जो इनके नाम न हो। 2017 में योगी सरकार आई, और तब से 81 से ज्यादा नए केस चस्पा हो गए। हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक लैंड अलॉटमेंट केस में जमानत दी, तो 23 महीने बाद सीतापुर जेल से छूटे।
रामपुर का ‘नवाब’ से ‘भू-माफिया’ तक
आजम खान, 14 अगस्त 1948 को रामपुर में पैदा हुए। AMU से लॉ पढ़े, मुलायम सिंह यादव के चहेते। 10 बार विधायक, SP का बड़ा मुस्लिम चेहरा, रामपुर को अपना गढ़ बनाया। मगर 2019 में लोकसभा जीतने के बाद से मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। 2022 में हेट स्पीच केस में विधायकी गई, रामपुर में उपचुनाव हुआ, और BJP ने झंडा गाड़ दिया। योगी सरकार ने तो इन्हें ‘लैंड माफिया’ ठहरा दिया। पत्नी तंजीन फातिमा और बेटा अब्दुल्ला आजम भी कई केसों में जेल काट चुके हैं।
104 में 93 रामपुर के
- कुल ठप्पा: 104 केस, जिसमें 81 योगी राज (2017 के बाद) में दर्ज।
- रामपुर का हिस्सा: 93 केस सिर्फ रामपुर में। जमीन हड़पने का सबसे बड़ा खेल। रामपुर प्रशासन ने इन्हें ‘एंटी-भू-माफिया’ पोर्टल पर डालने की बात कही।
- बाकी कहां? सीतापुर, स्वार, शाहजहांपुर में बाकी केस। ED ने भी मनी लॉन्ड्रिंग के चक्कर में टांग अड़ाई है।
- क्या-क्या इल्जाम?
- जमीन का खेल: 50 से ज्यादा केस। रामपुर के अलीगानज में 26 किसानों की जमीन हथियाकर मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी बनाई। वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी पर भी कब्जा। 2014 में कोऑपरेटिव सोसाइटी की जमीन पत्नी-बेटे को लीज पर दी, जो गैरकानूनी थी।
- चोरी का ड्रामा: 2016 में असिफ और जाकिर अली के घर से एक भैंस और 25 हजार चुराने का केस। नसीमा खातून से 3 भैंस, 1 गाय, 4 बकरियां, जेवर चोरी। किताब चोरी का भी इल्जाम (2019)।
- बाकी मसाला: हेट स्पीच (2019, 2023 में बरी), फर्जी जन्म प्रमाण पत्र (2023 में 7 साल की सजा), हत्या का प्रयास, आपराधिक साजिश, बिजली चोरी (पत्नी पर), हथियार एक्ट।
2016 से केसों की बाढ़ आई, जब आजम SP सरकार में बड़े मंत्री थे। 2019 में रामपुर पुलिस ने 27 FIR सिर्फ किसानों की शिकायत पर ठोकीं।
जेल से छूटे, पर मुसीबतें नहीं
- 23 सितंबर 2025: सीतापुर जेल से रिहाई। 23 महीने बाद आजम बाहर आए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 19 सितंबर को रामपुर के क्वालिटी बार प्रॉपर्टी केस में जमानत दी। कोर्ट ने कहा, 110 केसों में ज्यादातर 2019 के बाद (BJP सरकार में) दर्ज हुए, ये ‘सियासी बदला’ हो सकता है।
- पहले भी राहत: 2023 में हेट स्पीच केस में बरी। पत्नी-बेटे को 2020-2023 में कई केसों में जमानत। मगर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र केस में 7 साल की सजा अभी कायम है।
- ED का चक्कर: जौहर यूनिवर्सिटी में लैंड ग्रैबिंग से मनी लॉन्ड्रिंग की जांच चल रही है।
सियासत में भूचाल: SP का दांव, BJP का जवाब
SP चिल्ला रही है कि ये सब ‘सियासी साजिश’ है। कार्यकर्ताओं ने आजम की रिहाई पर ढोल-नगाड़े बजाए। मगर BJP का कहना है, “कानून सबके लिए एक है, भैंस चोरी हो या जमीन, गलत को बख्शा नहीं जाएगा।” रामपुर लोकसभा 2019 में आजम जीते थे, 2024 में BJP ने छीन ली। सियासी पंडित कहते हैं, 104 केसों का बोझ लेकर आजम का ‘नवाब’ बनना अब मुश्किल है।