मुंबई,। महाराष्ट्र की राजनीति पिछले तीन सालों से बड़े उलटफेर के दौर से गुजर रही है। इस बात को लेकर कोई निश्चितता नहीं है कि मंत्री पद किससे छिनेगा और किसे मंत्री पद मिलेगा। अब एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम होने वाला है।
धनंजय मुंडे की वापसी और झिरवल का इस्तीफा
सूत्रों की मानें तो एक हफ्ते के भीतर राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा। सूत्रों का कहना है कि छह महीने पहले इस्तीफा देने वाले राकांपा नेता धनंजय मुंडे (Dhananjay Munde) मंत्रिमंडल में वापसी करेंगे, जबकि खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री नरहरि झिरवल (Narhari Jhirwal) को पद छोड़ना होगा। यह बदलाव केवल मंत्री पद परिवर्तन नहीं है, बल्कि आगामी चुनावों की तैयारियों का हिस्सा है।
चुनावी रणनीति और मंत्री बदलाव
सूत्रों के अनुसार, उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pwar) के नेतृत्व वाली राकांपा के वरिष्ठ नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि धनंजय मुंडे को फिर से मंत्री पद दिया जाए। क्योंकि मुंडे की वापसी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की नीतियों को एक नया मोड़ दे सकती है। दूसरी ओर, नरहरि झिरवल का इस्तीफा लिया जाएगा और उन्हें पार्टी में कोई बड़ा पद दिया जा सकता है।
विवादास्पद पहलू और न्यायिक पृष्ठभूमि
हालांकि इस फेरबदल में एक विवादास्पद पहलू भी है। मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मीक कराड बीड जिले के सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड में जेल में हैं। कराड पर मकोका लगाया गया है। धनंजय मुंडे को इसी मामले में इस्तीफा देना पड़ा था। इसकी सिफारिश खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की थी। 4 मार्च 2025 को तत्कालीन राज्यपाल सी.पी.राधाकृष्णन ने मुंडे का इस्तीफा स्वीकार कर लिया।
अन्य राजनीतिक बदलाव और संभावनाएं
इस बीच, शिवसेना (शिंदे) और भाजपा भी बदलाव की तैयारी में हैं। शिवसेना के तानाजी सावंत मंत्री पद के हकदार हो सकते हैं, लेकिन इसके लिए भरत गोगावले को इस्तीफा देना होगा। भाजपा भी कम से कम दो मंत्रियों को बदल सकती है। धनंजय मुंडे की वापसी राकांपा के लिए फायदेमंद हो सकती है, जबकि नरहरि झिरवल का इस्तीफा सिरदर्द बन सकता है।
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