यूनुस शासन पर इस्लामिक तत्वों का प्रभुत्व
ढाका: बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार पर इस्लामिक-जेहादी तत्वों का प्रभुत्व बताया जा रहा है, जो देश को एक इस्लामिक(Islam) मुल्क बनाने के मिशन पर जोर-शोर से काम कर रहे हैं। यूनुस शासन तुर्की के एर्दोगन मॉडल पर काम कर रहा है, जहाँ विरोध की आवाज़ों का दमन किया जा रहा है, जबकि इस्लामिक(Islam) कट्टरपंथियों को पूरी आज़ादी मिली हुई है। इन कट्टरपंथी समूहों में अल-कायदा और हिज-उत-तहरीर जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े समूह भी शामिल हैं। इन तत्वों को पाकिस्तान से भी प्रेरणा मिल रही है, जहाँ जेहादी चरमपंथियों को सेना का समर्थन प्राप्त है। इनका मुख्य लक्ष्य देश की संप्रभुता की रक्षा करने वाली संस्थाओं को अपने नियंत्रण में लेना है।
सेना: इस्लामिक एजेंडे की राह में सबसे बड़ी बाधा
बांग्लादेश की सेना और उसका खुफिया महानिदेशालय (DGFI) दशकों से देश में चरमपंथ के खिलाफ एक ढाल के रूप में काम कर रहे हैं। DGFI ने यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट किया है और जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश (JM-B), हरकल उल जेहाद अल इस्लामी (हूजी-बी), और अंसार अल इस्लाम जैसे आतंकी समूहों पर कार्रवाई की है। इसके अलावा, इसने आईएसआई से जुड़े आतंकवादी नेटवर्क को भी ध्वस्त किया है। यही वजह है कि इस्लामिक समूहों के जेहादी एजेंडे की राह में DGFI और सेना सबसे बड़ी बाधा बने हुए हैं।
इस्लामिक आर्मी का ब्लू प्रिंट और सेना को कमजोर करने की साजिश
यूनुस शासन के इशारे पर काम कर रहे इस्लामिक कट्टरपंथी अब बांग्लादेश की सेना को व्यवस्थित तरीके से निशाना बना रहे हैं। इसका अंतिम लक्ष्य सेना को कमजोर करना और उसकी जगह ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (IRGC) की तर्ज पर एक इस्लामिक सैन्य व्यवस्था या इस्लामिक आर्मी बनाना है। इस ब्लू प्रिंट के तहत, यूनुस शासन पहले ही पूर्व DGFI प्रमुखों के खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराध के आरोप दर्ज कर चुका है। कथित तौर पर सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमान के खिलाफ भी इसी तरह के कदम उठाने की योजना बनाई जा रही है, जो सेना पर नियंत्रण स्थापित करने और उसे इस्लामीकरण की ओर धकेलने की एक सुनियोजित साजिश है।
मोहम्मद यूनुस के शासन पर हावी इस्लामिक-जेहादी तत्वों का अंतिम लक्ष्य क्या है और वे बांग्लादेश की सेना को किस मॉडल पर बदलना चाहते हैं?
उनका अंतिम लक्ष्य बांग्लादेश को एक इस्लामिक मुल्क बनाना है। वे बांग्लादेश की सेना को ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (IRGC) की तरह एक इस्लामी सैन्य व्यवस्था में बदलना चाहते हैं।
बांग्लादेश की सेना और DGFI ने दशकों से देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए चरमपंथ के खिलाफ कौन से प्रमुख कार्य किए हैं?
सेना और DGFI ने उल्फा के प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट किया, JM-B, हूजी-बी, और अंसार अल इस्लाम जैसे आतंकी समूहों पर कार्रवाई की, और आईएसआई से जुड़े आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त किया है।
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