चेन्नई : तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी (Revanth Reddy) ने कहा कि हम सब मिलकर भारत में सभी को बताना चाहते हैं कि शिक्षा एक आंदोलन है, एक क्रांति है, सामाजिक न्याय और प्रगति का मार्ग है। वे चेन्नई में आयोजित होने वाले तमिलनाडु (Tamil Nadu) एक्सेल्स इन एजुकेशन कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। तमिलनाड़ु के मुख्यमंत्री थिरु स्टालिन, अवारकल, उपमुख्यमंत्री थिरु उदयनिधि स्टालिन, मंत्रियों एवं अधिकारियों तथा सिनेमा, मनोरंजन, खेल, साहित्य और कला के क्षेत्र की हस्तियाँ की मौजूदगी में रेवंत रेड्डी ने कहा कि हम शिक्षा, पोषण और खेल के क्षेत्र में आपकी सरकार की महत्वपूर्ण पहलों का जश्न मना रहे हैं। यह कार्यक्रम तमिलनाडु के युवाओं को शिक्षा, खेल और करियर में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगा।
तमिलनाड़ु की चार उत्कृष्ट योजनाओं का पूरा भारत अनुसरण करें : मुख्यंत्री
उन्होंने कहा कि यह छात्रों को सम्मानित करता है और शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए योगदान देने वाले शिक्षकों, कर्मचारियों और गैर-सरकारी एजेंसियों को सम्मानित करता है। ये 4 योजनाएँ उत्कृष्ट हैं और पूरे भारत को इनका अनुसरण करना चाहिए।
- पहली योजना – मुख्यमंत्री प्रातःकालीन नाश्ता योजना
- दूसरी योजना (नान मुदालवन) (मैं प्रथम हूँ)
- तीसरी योजना – कॉलेज जाने वाली लड़कियों को प्रति माह 1,000 रुपये की छात्रवृत्ति
- चौथी योजना – तमिल पुदलवन (तमिल बिड्डा) – लड़कों के लिए प्रति माह 1,000 रुपये की छात्रवृत्ति
- मैं इन 4 योजनाओं के लिए थिरु स्टालिन और तमिलनाडु के सभी नागरिकों को बधाई देता हूँ।

तमिल और तेलुगु लोगों के बीच कई सदियों से मजबूत संबंध : रेवंत रेड्डी
रेवंत रेड्डी ने कहा कि तमिल और तेलुगु लोगों के बीच कई सदियों से एक मजबूत सांस्कृतिक, ऐतिहासिक बंधन रहा है। आधुनिक समय में, 1991 के उदारीकरण के बाद, तमिलनाडु के विनिर्माण विकास और तेलंगाना के आईटी और फार्मा क्षेत्र में उछाल ने कई साझा बंधन बनाए। हैदराबाद-चेन्नई कॉरिडोर एक महत्वपूर्ण औद्योगिक और ज्ञान क्षेत्र बन गया, जिसमें फार्मा, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और शिक्षा के क्षेत्र में संबंध हैं। 2014 में तेलंगाना के गठन के बाद से, तमिलनाडु और तेलंगाना ने बुनियादी ढाँचे, ऊर्जा और शिक्षा परियोजनाओं में सहयोग किया है।
उन्होंने कहा कि तमिलनाड़ु और तेलंगाना की सामाजिक न्याय, जन स्वास्थ्य और कल्याण पर समान नीतियाँ हैं। सभी भारतीय तमिलनाडु के शिक्षा मॉडल से प्रेरित हुए। स्वतंत्र भारत में, तमिलनाडु ने पहला मध्याह्न भोजन स्कूल शुरू किया। इसने अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों: केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को प्रेरित किया। तेलंगाना में, मेरी सरकार के लिए, शिक्षा सबसे बड़ा केंद्र है। मुख्यमंत्री के रूप में, मेरे पास शिक्षा मंत्रालय का कार्यभार भी है क्योंकि मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है।
शिक्षा के प्रथम पिता कौन थे?
“शिक्षा का प्रथम पिता” एक व्यापक, प्रतीकात्मक पद है — इतिहास में इसे किसी एक व्यक्ति से जोड़ना कठिन है, क्योंकि शिक्षा का विकास विभिन्न संस्कृतियों में स्वाभाविक रूप से हुआ।
लेकिन भारत में इस तरह की महान विभूतियों का नाम अक्सर लिया जाता है:
- महात्मा गाँधी — उन्होंने “न्यायपूर्ण शिक्षा” (Nai Talim) की अवधारणा दी।
- किशोर बिहारी घोष — आधुनिक शिक्षा के प्रचारक।
- स्वामी दयानंद सरस्वती, राममोहन रॉय आदि सुधारकों ने भी शिक्षा को आगे बढ़ाया।
शिक्षा का सही अर्थ क्या होता है?
“शिक्षा” का अर्थ केवल पुस्तक‑ज्ञान नहीं है, बल्कि यह व्यापक रूप से देखा जाता है।
2025 में भारत के शिक्षा मंत्री कौन हैं?
2025 में भारत (संघीय स्तर पर) का शिक्षा मंत्री (Union / Central Education Minister) धर्मेंद्र प्रधान हैं।
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