इजरायल के पीएम को सुनने से किया इंकार
न्यूयॉर्क: न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र(UN) महासभा में इजरायल(Israel) के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू(Benjamin Netanyahu) को शुक्रवार को कड़ा विरोध झेलना पड़ा। गाजा युद्ध और फिलिस्तीन पर जारी हमलों के कारण जैसे ही उन्होंने भाषण शुरू किया, अधिकतर देशों के प्रतिनिधि हॉल से बाहर निकल गए। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल और कुछ सहयोगी ही भाषण के दौरान मौजूद रहे। नेतन्याहू ने अपने संबोधन में हमास, ईरान और यमन के हूती विद्रोहियों को कठघरे में खड़ा किया।
खाली हॉल में नेतन्याहू का संबोधन
संयुक्त राष्ट्र(UN) महासभा में नेतन्याहू जैसे ही मंच पर आए, प्रतिनिधियों के बीच हलचल फैल गई। भाषण शुरू होते ही बड़ी संख्या में देशों के अधिकारी वॉकआउट कर गए। नतीजतन, नेतन्याहू को लगभग खाली हॉल में अपनी बात रखनी पड़ी। हालांकि अमेरिका और कुछ अन्य देशों ने भाषण सुना और इजरायल का साथ दिया।
अपने संबोधन में नेतन्याहू ने नक्शा दिखाकर हमास पर हमले तेज करने का संकेत दिया। उन्होंने इसे ‘द कर्स’ नाम दिया और कहा कि इजरायल को हमास और ईरान जैसे दुश्मनों से बचाना उनकी प्राथमिकता है। इसी दौरान उन्होंने उन देशों की आलोचना की, जिन्होंने हाल ही में फिलिस्तीन को राष्ट्र के रूप में मान्यता दी है।
फिलिस्तीन को मान्यता देने पर कड़ी आपत्ति
नेतन्याहू ने कहा कि फिलिस्तीन को राष्ट्र का दर्जा देना एक गंभीर भूल है। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन और अन्य देशों के इस फैसले को उन्होंने ‘पागलपन’ बताया। साथ ही उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इजरायल समर्थक नीतियों की खुलकर तारीफ की।
गाजा में अक्टूबर 2023 से इजरायल के हमले लगातार जारी हैं, जिससे हजारों लोगों की जान गई है। बढ़ते मानवीय संकट ने नेतन्याहू की छवि को अंतरराष्ट्रीय मंच पर कमजोर किया है। यूरोपीय संघ भी अब इजरायल पर शुल्क और प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है।
अंतरराष्ट्रीय दबाव और गिरफ्तारी वारंट
संयुक्त राष्ट्र(UN) की हालिया जांच रिपोर्ट में गाजा में इजरायल द्वारा जनसंहार की बात कही गई है। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने नेतन्याहू पर मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी वारंट तक जारी किया है। यह घटनाक्रम इजरायल के लिए वैश्विक स्तर पर गंभीर चुनौती साबित हो सकता है।
नेतन्याहू को संयुक्त राष्ट्र में विरोध क्यों झेलना पड़ा?
गाजा युद्ध और मानवीय संकट के कारण अधिकांश देशों ने इजरायल से दूरी बना ली है। इसी वजह से भाषण शुरू होते ही कई प्रतिनिधि हॉल से बाहर चले गए।
यूरोपीय संघ इजरायल पर कौन-से कदम उठा सकता है?
यूरोपीय संघ इजरायल पर शुल्क और कड़े प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। इसके साथ ही वह स्वतंत्र फिलिस्तीनी राष्ट्र को मान्यता देने वाले देशों के पक्ष में खड़ा है।
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