रात के सन्नाटे में हिली धरती, दहशत में लोग
Haryana : हरियाणा में देर रात भूकंप (Earthquake) के झटकों ने लोगों को नींद से जगा दिया। झटकों के कारण कई स्थानों पर लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप का केंद्र सोनीपत जिले में रहा, जहां कंपन सबसे अधिक महसूस किए गए।
भूकंप के मुख्य बिंदु
- भूकंप का समय: देर रात (सटीक समय स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार)
- रिक्टर स्केल पर तीव्रता: अनुमानित X.X (यदि उपलब्ध हो तो जोड़ा जा सकता है)
- गहराई: XX किलोमीटर (यदि उपलब्ध हो)
- एपिसेंटर (केंद्र): सोनीपत, हरियाणा
नींद में थे लोग, झटकों से मची अफरा-तफरी
- झटके इतने तेज़ थे कि कई लोगों की नींद खुल गई
- बहुमंजिला इमारतों में झूलने जैसा अहसास हुआ
- कुछ क्षेत्रों में हल्की चीख-पुकार और अफरा-तफरी का माहौल देखा गया
हरियाणा (Haryana) के सोनीपत में शुक्रवार देर रात करीब एक बजकर 47 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस हुए. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.4 मापी गई. जैसे ही झटके महसूस हुए कुछ लोग नींद से अचानक जाग गए और घरों से बाहर निकल आए.
इसका केंद्र सोनीपत में 28.99 उत्तरी अक्षांश और 76.97 पूर्वी देशांतर पर बताया गया है और इसकी गहराई 10 किलोमीटर बताई जा रही है. जानकारों के मुताबिक ये भूकंप संवेदनशील क्षेत्रों में आता है. यहां छोटे-छोटे भूकंप आना आम बात है. अधिकारियों ने लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं.
दिल्ली-NCR में बार-बार भूकंप आने की क्या है वजह?
Haryana : दिल्ली-NCR में समय-समय पर भूकंप के झटके महसूस होते रहते हैं. बता दें कि ये इलाका सिस्मिक जोन-4 में आता है, जिसे मीडियम से हाई जोखिम वाला भूकंप क्षेत्र माना जाता है. दिल्ली NCR हिमालयी टकराव क्षेत्र से महज 250 किलोमीटर दूर है, जहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट्स आपस में टकराती हैं.
प्लेट्स के टकराव से लगातार ऊर्जा जमा होती है, जो समय-समय पर भूकंप में के रूप में बाहर आती है. दिल्ली के आसपास कई सक्रिय भ्रंश रेखाएं (फॉल्ट लाइन्स) मौजूद हैं, जिनमें दिल्ली-हरिद्वार रिज, सोहना फॉल्ट, महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट, और यमुना रिवर लाइनमेंट शामिल हैं.
भूकंप की तिव्रता कैसे मापी जाती है?
किसी भी भूकंप की तिव्रता रिक्टर स्केल द्वारा मापी जाती है. जिसे इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल के नाम से जाना जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. सोनीपत में आए भूकंप की तिव्रता 3.4 थी. 3 से 5 तिव्रता वाले भूकंप मीडियम रेंज भूकंप होते हैं, जबकि 6 से ऊपर के भूकंप खतरनाक होते हैं और भारी तबाही मचा सकते हैं.
भारत में सबसे बड़ा भूकंप कब हुआ था?
जानकारी के मुताबिक, 27 अगस्त 1960 के दिन देश की राजधानी दिल्ली में सबसे बड़ा भूकंप आया था. उस दौरान दिल्ली और आसपास के इलाकों में सुबह के वक्त भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी और अन्य भूकंपीय रिकॉर्ड के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.6 मैग्निट्यूड थी.
भूकंप के 5 मुख्य कारण क्या हैं?
अक्सर भूकम्प भूगर्भीय दोषों के कारण आते हैं, भारी मात्रा में गैस प्रवास, पृथ्वी के भीतर मुख्यतः गहरी मीथेन, ज्वालामुखी, भूस्खलन और नाभिकीय परिक्षण ऐसे मुख्य दोष हैं। भूकम्प के उत्पन्न होने का प्रारम्भिक बिन्दु अवकेन्द्र या हाईपो सेंटर कहलाता है।
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