पत्नी कुएं में कूदी, अगले दिन पति ने भी लगाई फांसी
महाराष्ट्र (Maharashtra) के छत्रपति संभाजीनगर से आत्महत्या की बड़ी ही दुखी कर देने वाली खबर सामने आ रही है। यहां कर्ज में डूबे एक किसान दंपति ने परेशान होकर अपनी जान दे दी है। पत्नी ने पहले कुएं में कूदकर अपनी जान दे दी और इसके अगले दिन पति ने भी उसी कुएं के पास फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। शख्स ने अपनी जान देने से पहले अपने बच्चों के लिए भावुक कर देने वाला संदेश भी छोड़ा है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, ये पूरी घटना महाराष्ट्र छत्रपति संभाजीनगर के फुलंब्री तालुका के आलंद क्षेत्र में स्थित पिंपरी शिवार गांव से सामने आई है। खेती के कर्ज (Loan) और आर्थिक तंगी से परेशान एक दंपत्ति ने महज एक दिन के अंतराल में आत्महत्या कर ली।
शुक्रवार को 38 वर्षीय रमाबाई विलास जमधडे ने कुएं में कूदकर अपनी जीवनलीला समाप्त की। अगले ही दिन शनिवार को उनके पति विलास जमधडे ने उसी कुएं के पास पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
बच्चों के लिए छोड़ा भावुक संदेश
आत्महत्या करने से पहले विलास ने एक वॉट्सएप ग्रुप पर अपने बच्चों से माफी मांगते हुए उनके लिए भावुक संदेश लिखा। संदेश में विलास ने कहा कि उनकी पत्नी ने भी कर्ज के बोझ से आत्महत्या कर ली और अब वह भी इस बोझ को सहन नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने अपने बच्चों से माफी मांगते हुए उनकी पढ़ाई पूरी करने की अंतिम इच्छा जताई।
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गांव के लोग संदेश पढ़कर भावुक
आत्महत्या की इस घटना से पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। पति-पत्नी की मौत से उनके दो छोटे बच्चों- सुमित और अमित का भविष्य अंधकार में डूब गया है। गांव के लोग इस संदेश को पढ़कर भावुक हो गए हैं और अब एक बार फिर से किसानों की आत्महत्याओं को रोकने के लिए ठोस सरकारी कदम उठाने की मांग तेज हो गई है।
किसानों को कौन से कर्ज दिए जाते हैं?
किसानों को उनकी ऋण की आवश्यकताओं (कृषि संबंधी खर्चों ) की पूर्ति के लिए पर्याप्त एवं समय पर ऋण की सुविधा प्रदान करना साथ ही आकस्मिक खर्चों के अलावा सहायक कार्यकलापों से संबंधित खर्चौ की पूर्ति करना। यह ऋण सुविधा एक सरलीकृत कार्यविधि के माध्यम से यथा आवश्यकता आधार पर प्रदान की जाती है।
ऋण की आवश्यकता क्यों होती है?
किसानों को बीज, उर्वरक और कृषि उपकरणों की खरीद, बुवाई से कटाई तक की गतिविधियों के खर्चों को कवर करने, और अप्रत्याशित घटनाओं या आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए ऋण की आवश्यकता होती है. यह उन्हें वित्तीय बाधाओं को पार करने और अपनी खेती की उत्पादकता व व्यवसाय को बढ़ाने में मदद करता है।
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