5 साल बाद रिश्तों को सामान्य करने की दिशा में बड़ा कदम
नई दिल्ली: भारत और चीन ने 5 साल बाद (कोरोना महामारी और गलवान झड़प के कारण) सीधी हवाई सेवाएं(Direct Flights) फिर से शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय(Ministry of External Affairs) द्वारा इसकी घोषणा किए जाने के कुछ ही समय बाद, इंडिगो एयरलाइन ने 26 अक्टूबर से उड़ानें शुरू करने का ऐलान किया। कोलकाता से ग्वांगझू के लिए रोजाना नॉन-स्टॉप उड़ानें चलेंगी, और जल्द ही दिल्ली और ग्वांगझू के बीच भी सीधी उड़ानें शुरू की जाएंगी। यह फैसला दोनों देशों के एयर सर्विस अधिकारियों की कई महीनों की चर्चा के बाद लिया गया है, और इसे भारत-चीन संबंधों को धीरे-धीरे सामान्य करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
यात्रा और आर्थिक क्षेत्र में लाभ
सीधी उड़ानें(Direct Flights) फिर से शुरू होने से यात्रियों को बड़ा फायदा होगा। कोविड महामारी के बाद से दोनों देशों के नागरिक थाईलैंड, सिंगापुर(Singapore) या मलेशिया जैसे तीसरे देशों के जरिए यात्रा कर रहे थे, जिससे समय और खर्च दोनों बढ़ गए थे। सीधी उड़ानें शुरू होने से टिकट का किराया 15% से 20% तक घट सकता है। इस फैसले से तीन अहम फायदे होंगे: पहला, लोगों का आपसी संपर्क बढ़ेगा, जिससे व्यापारी, छात्र और पर्यटक आसानी से यात्रा कर सकेंगे; दूसरा, दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच सीधी उड़ानें व्यापार और निवेश को बढ़ावा देकर आर्थिक फायदा पहुंचाएंगी; और तीसरा, यह कूटनीतिक महत्व रखता है, जो दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में सहायक होगा।
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संबंधों के सामान्यीकरण में सहायक
कोरोना काल से पहले, भारत और चीन के बीच हर महीने 539 सीधी उड़ानें(Direct Flights) थीं, जिनकी कुल कैपेसिटी 1.25 लाख सीटों से ज्यादा थी। उड़ानें निलंबित रहने के कारण 2019 की तुलना में 2024 में दोनों देशों के बीच यात्रा करने वाले लोगों की संख्या आधी से भी कम रह गई थी। इस फैसले से दोनों देशों के संबंधों में सुधार की उम्मीद जगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले साल अक्टूबर में कजान में मुलाकात की थी, जहां उन्होंने संबंधों को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाने पर सहमति जताई थी। इसके बाद से, डेमचोक और देपसांग से सेनाओं के पीछे हटने और कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने जैसे सकारात्मक फैसले लिए गए हैं।
कोरोना महामारी से पहले भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानों की संख्या और क्षमता कितनी थी, और उड़ानें बंद होने पर यात्री किस तरह यात्रा कर रहे थे?
महामारी से पहले, भारत और चीन के बीच हर महीने 539 सीधी उड़ानें थीं, जिनकी कुल क्षमता 1.25 लाख सीटों से अधिक थी। उड़ानें निलंबित होने के बाद, दोनों देशों के यात्री बांग्लादेश, हॉन्गकॉन्ग, थाइलैंड और सिंगापुर जैसे कनेक्टिंग हब के जरिए यात्रा कर रहे थे, जिससे उनकी यात्रा महंगी और अधिक समय लेने वाली हो गई थी।
भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू होने से हवाई किराए पर क्या असर पड़ने की उम्मीद है?
सीधी उड़ानें फिर से शुरू होने से हवाई टिकटों का किराया 15% से 20% तक घट सकता है। वर्तमान में, तीसरे देशों के रास्ते यात्रा करने के कारण दिल्ली से बीजिंग का न्यूनतम वन-वे किराया 20,000 रुपए और राउंड-ट्रिप 35,000 रुपए तक पहुँच जाता है। सीधी उड़ानों से यात्रा का समय और लागत दोनों कम हो जाएंगे।
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