नई दिल्ली। हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में बढ़ती चीन की आक्रामकता के बीच भारतीय नौसेना अपने मित्र देशों के साथ संबंधों को मजबूत बनाने में सक्रिय है। इसी क्रम में जंगी युद्धपोत आईएनएस सतलुज (INS Satlaj) मॉरीशस के पोर्ट लुईस बंदरगाह पर पहुंच चुका है। यहाँ यह 18वां संयुक्त हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करेगा, जिसमें लगभग 35 हजार वर्ग समुद्री मील का क्षेत्र शामिल है।
मॉरीशस अधिकारियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण
नौसेना ने बताया कि क्षमता निर्माण के प्रयासों के तहत मॉरीशस के विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारी जल सर्वेक्षण डेटा संग्रह और प्रसंस्करण का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए जहाज पर सवार होंगे।
द्विपक्षीय समझौते के तहत मिशन
यह मिशन वर्ष 2025 की शुरुआत में हाइड्रोग्राफी पर आयोजित 14वीं संयुक्त समिति की बैठक में हस्ताक्षरित दीर्घकालिक द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन (MOU) के ढांचे में संचालित किया जा रहा है। इस तैनाती से दोनों देशों की उन्नत वैज्ञानिक सहयोग और रणनीतिक समुद्री संबंधों की साझा प्रतिबद्धता उजागर होती है।
समुद्री सहयोग और सुरक्षा पर जोर
मिशन का मुख्य उद्देश्य नौवहन सुरक्षा बढ़ाना, समुद्री संसाधनों का सतत प्रबंधन करना और हिंद महासागर क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।
मॉरीशस का सामरिक महत्व
भारत की पूर्व की ओर देखो नीति में मॉरीशस का विशेष सामरिक और आर्थिक महत्व है। यह न केवल हिंद महासागर में विश्वसनीय सहयोगी है, बल्कि समुद्री सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भागीदार है। भारत लगातार मॉरीशस को आर्थिक और सामरिक दृष्टि से मजबूत बनाने में मदद करता है। दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध प्राचीन-सांस्कृतिक विरासत पर आधारित और प्रगाढ़ हैं।
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