पटना। बिहार में विधानसभा चुनावों की सरगर्मियां तेज हो गई हैं और इसी बीच चुनाव आयोग (ECI) राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए अपनी दो दिवसीय समीक्षा बैठक के दूसरे दिन रविवार को कई अहम बैठकों का आयोजन कर रहा है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar) के नेतृत्व में चुनाव आयोग की शीर्ष टीम आज पटना में प्रवर्तन एजेंसियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठकें कर रही है।
धन और बाहुबल पर रोक के उपायों की समीक्षा
आयोग की बैठकें मुख्य रूप से धन और बाहुबल के दुरुपयोग को रोकने के उपायों पर केंद्रित हैं। इस दौरान आयकर विभाग, पुलिस और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समन्वय और सतर्कता बढ़ाने की रणनीतियों पर चर्चा की जा रही है। उद्देश्य है कि चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष बनी रहे तथा सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर मिल सके।
शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक
प्रवर्तन एजेंसियों के साथ चर्चा के बाद आयोग की टीम मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ राज्य स्तरीय समन्वय की समीक्षा करेगी। इस बैठक में सुरक्षा व्यवस्था, लॉजिस्टिक्स, मतदान कर्मियों की तैनाती और मतदाता सूची (Voter List) से जुड़ी तैयारियों की विस्तृत समीक्षा होगी।
दोपहर 2 बजे होगी प्रेस कॉन्फ्रेंस
मुख्य चुनाव आयुक्त आज दोपहर 2 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, जिसमें अब तक की तैयारियों का सारांश, राजनीतिक दलों से मिली फीडबैक और आगे की रूपरेखा साझा की जाएगी। माना जा रहा है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव की संभावित तारीखों पर भी संकेत मिल सकते हैं।
राजनीतिक दलों के साथ हुई थी अहम चर्चा
शनिवार को सीईसी ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी की टीम ने सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ बैठक की थी। इसमें भाजपा, कांग्रेस, जेडी(यू), आरजेडी, एलजेपी (रामविलास), आरएलजेपी, सीपीआई, सीपीआई(एम), सीपीआई(एमएल-लिबरेशन), बीएसपी, आप और एनपीपी सहित कई दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
राजनीतिक दलों ने रखीं ये मांगें
बैठक में दलों ने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि छठ पर्व के तुरंत बाद चुनाव कराए जाएं और मतदान को कम चरणों में पूरा किया जाए, ताकि मतदान प्रतिशत बढ़े।
इसके साथ ही उन्होंने मतदाता सूची शुद्धिकरण, प्रति केंद्र मतदाताओं की संख्या 1,200 तक सीमित करने, डाक मतपत्रों की समय पर गिनती और फॉर्म 17सी पार्टी एजेंटों को देने जैसे सुधारों की भी सराहना की।
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