जम्मू । जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में मौसम की चेतावनी के मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए हैं। राज्य के मैदानी इलाकों में बारिश और पहाड़ों में बर्फबारी की संभावना को देखते हुए माता वैष्णो देवी और मचैल यात्रा को आज से 7 अक्टूबर तक अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।
यात्राओं पर रोक और प्रशासनिक सतर्कता
श्राइन बोर्ड के सीईओ सचिन कुमार वैश्य ने ट्विटर के माध्यम से बताया कि भारी बारिश (Heavy Rain) और भूस्खलन की आशंका के चलते यह कदम उठाया गया है। हाल के दिनों में कटड़ा से भवन तक के रास्तों पर चट्टानों का खिसकना और पानी भरना जैसी घटनाएं सामने आई थीं, जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यात्रा रोकना जरूरी हो गया। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि इस अवधि में यात्रा की योजना न बनाएं और मौसम सामान्य होने के बाद ही दर्शन के लिए आएं।
किसानों और ग्रामीणों के लिए एडवाइजरी
मौसम विभाग ने किसानों को 7 अक्टूबर तक सभी कृषि कार्य स्थगित करने की सलाह दी है। मौसम की बेरुखी के चलते प्रशासन ने जिलास्तर पर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। विशेष रूप से कश्मीर डिवीजन, चिनाब घाटी (Chinab Ghati) और पीरपंजाल में बर्फबारी की संभावना बनी हुई है, जबकि मैदानी इलाकों में गरज के साथ छींटे पड़ने की चेतावनी है।
तापमान और मौसम का असर
प्रदेश में तापमान में गिरावट आई है। गुलमर्ग में सबसे कम 14.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है।
आईएमडी के अनुसार यह मौसम की स्थिति 6 अक्टूबर को सबसे गंभीर रहेगी और 7 अक्टूबर तक बनी रह सकती है।
मचैल यात्रा भी स्थगित
किश्तवाड़ जिले में मचैल माता की तीर्थयात्रा को 5 अक्टूबर से तीन दिनों के लिए स्थगित किया गया है।
प्रशासन ने सभी नागरिकों से सुरक्षा नियमों का पालन करने और संवेदनशील इलाकों में सतर्क रहने की अपील की है।
वैष्णो देवी का इतिहास क्या है?
वैष्णो देवी का इतिहास पुराणों में वर्णित एक पौराणिक कथा पर आधारित है, जिसमें देवी वैष्णवी ने भैरोंनाथ का वध कर त्रिकूट पर्वत पर अपनी शक्ति सिद्ध की थी। वर्तमान मंदिर त्रिकूट पर्वतमाला में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल है, जो हर साल लाखों भक्तों को आकर्षित करता है।
वैष्णो देवी शक्तिपीठ कहाँ स्थित है?
वैष्णो देवी कोई शक्तिपीठ नहीं है, बल्कि यह जम्मू कश्मीर के त्रिकूट पर्वत पर स्थित माता वैष्णो देवी का प्रसिद्ध मंदिर है, जो दुर्गा को समर्पित 108 शक्तिपीठों में से एक है। बिहार के लखीसराय जिले के बड़हिया में भी एक ऐसा ही शक्तिपीठ है
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