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Latest News : IPS अधिकारी ने लिखा 3900 शब्दों का सुसाइड नोट

Surekha Bhosle
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Latest News : IPS अधिकारी ने लिखा 3900 शब्दों का सुसाइड नोट

IPS Puran Kumar Case Update: चंडीगढ़ में (IPS) अधिकारी पूरन कुमार ने सुसाइड से पहले 3900 शब्दों का सुसाइड नोट लिखा था। इसमें उन्होंने अपनी वसीयत का भी उल्लेख किया है। आइए जानते हैं कि इस दर्दनाक कदम से पहले पूरन कुमार ने अपनी सारी संपत्ति किसके नाम कर दी थी।

हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) वाई. पूरन कुमार सुसाइड केस से पूरे देश में सनसनी मची हुई है. उन्होंने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास में खुद को गोली मार ली थी. पुलिस को पूरन सिंह की वसीयत और 9 पन्नों का सुसाइड नोट मिला है. सुसाइड नोट में भी पूरन सिंह ने अपनी वसीयत का जिक्र किया है. उन्होंने अपनी सारी संपत्ति पत्नी अमनीत कुमार के नाम की है. अमनीत कुमार भी IAS अधिकारी हैं

पूरन कुमार की पत्नी अमनीत ने डीजीपी हरियाणा शत्रुजीत सिंह कपूर और एसपी रोहतक नरेंद्र बिजारणिया पर उनके पति को मानसिक उत्पीड़न, जाति-आधारित भेदभाव और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हमारे पति को जाति सूचक गालियां भी दी जाती थीं. इसे लेकर पुलिस जांच कर रही है।

दिवंगत IPS पूरन कुमार ने सुसाइड नोट में लिखा- ​मैं पूरी चेतना और स्वतंत्र इच्छा से यह घोषणा करता हूं कि मेरे बाद, मेरी पत्नी श्रीमती अमनीत पी. कुमार मेरी सभी चल संपत्तियों (मेरे एचडीएफसी बैंक वेतन खाते में बचत, इस खाते से जुड़े डीमैट खाते में रखे गए शेयर, आदि) और अचल संपत्तियों (मकान नंबर 116 सेक्टर 11ए, चंडीगढ़ में मेरे नाम पर 25% हिस्सा; प्लॉट नंबर 1227, सेक्टर 83/अल्फा, ब्लॉक बी आईटी सिटी एसएएस नियाग्रा, मोहाली; यूनिवर्सल बिजनेस पार्क, गुरुग्राम में ऑफिस स्पेस, जैसा कि मेरे वार्षिक संपत्ति रिटर्न में घोषित किया गया है) की मालिक होंगी. यह मेरी अंतिम स्वतंत्र इच्छा और घोषणा है जो मैंने अपनी पूरी चेतना में की है।

क्या-क्या लिखा सुसाइड नोट में?

IPS

पुलिस को जो सुसाइड नोट मिला है, उसमें पूरन कुमार ने अपनी दर्द भरी दास्तां को बयां किया है. लिखा- हरियाणा के कुछ वरिष्ठ अधिकारी 2020 से मेरे साथ जाति-आधारित भेदभाव करते थे. लक्षित मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार से मैं परेशान हो चुका हूं. ये सब मेरे लिएअब असहनीय है।

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मुख्य रूप से मैंने जो अनुरोध और शिकायतें की थीं, वे हरियाणा कैडर के एक आईपीएस अधिकारी के रूप में मेरे अधिकारों के समान थीं, जिसमें कुछ विशिष्ट मुद्दों जैसे आईपीएस अधिकारियों के लिए आईपीएस नियमों का समान रूप से लागू होना, अर्जित अवकाश की समय पर मंजूरी, वाहन का विभिन्न आवंटन, आधिकारिक आवास का आवंटन, डीजीपी कार्यालय के स्थायी आदेश के अनुसार, एमएचए दिशानिर्देशों और अन्य मुद्दों के लिए नियमों का प्रचार. मेरे अभ्यावेदनों और शिकायतों का समाधान करने के बजाय, उन्हें प्रतिशोधात्मक और बदला लेने वाले तरीके से मेरे खिलाफ इस्तेमाल किया गया।

15 IAS-IPS के लिखे नाम

​इसके अलावा, मेरे खिलाफ कई तरह की शिकायतें लगातार गढ़ी और प्रचारित की जा रही हैं. जिन्हें लेकर वरिष्ठ अधिकारी मुझे सार्वजनिक रूप से अपमानित करते हैं. साथ ही मेरी प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाने में वो कोई कसर नहीं छोड़ रहे. अपने सुसाइड नोट में मरने से पहले वाई पूरन कुमार ने 15 सेवारत और पूर्व IAS-IPS अधिकारियों पर सार्वजनिक रूप से भेदभाव और अपमानित करने जैसे कई संगीन आरोप लगाए हैं।

तत्कालीन गृह मंत्री से की थी शिकायत

पूरन कुमार ने सुसाइड नोट में आरोप लगाया है कि उनके बैचमेट मनोज यादव, पी.के. अग्रवाल और टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने मिलकर उनके साथ जाति-आधारित उत्पीड़न किया. उन्होंने लिखा कि इसको लेकर तत्कालीन गृह मंत्री से इसकी लिखित शिकायत भी की थी, मगर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. यहां तक कि मौजूदा मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी को भी उन्होंने विस्तार से इस अत्याचार के बारे में अवगत कराया, लेकिन उनकी शिकायत को दरकिनार कर दिया गया.

8 नवंबर 2024 को दी थी चेतावनी

IPS अधिकारी कुलविंदर सिंह के बारे में पूरन कुमार ने सुसाइड नोट में लिखा कि 8 नवंबर 2024 को उन्होंने फोन पर उन्हें यह चेतावनी दी थी कि ‘डीजीपी ने एक पुलिस अधिकारी को स्थायी रूप से हटाने का आदेश दिया है.’ इसके बाद उन्हें ‘सावधान रहने’ की धमकी भी दी गई. वहीं, IPS माटा रवि किरण ने उनके प्रति आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया, जिसे कुमार ने अपने अंतिम कदम का प्रमुख कारण बताया।

भारत का नंबर वन आईपीएस अधिकारी कौन है?

नरेंद्र कुमार 2009 में आईपीएस में शामिल हुए। 2012 के आरंभ में मध्य प्रदेश के मुरैना में कार्यालय में कार्यभार ग्रहण करने से पहले वे बिहार और उज्जैन में तैनात थे। वह खनन घोटालों में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी में सक्रिय रूप से शामिल थे।

भारत में कुल कितने आईपीएस अधिकारी हैं?

भारतीय पुलिस सेवा की अधिकृत कैडर क्षमता 4920 है (3270 सीधी भर्ती के पद और 1650 पदोन्नति के पद)।

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