नई दिल्ली,। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घुसपैठ संबंधी बयान पर कांग्रेस (Congress) ने तीखा पलटवार किया है। पार्टी ने आरोप लगाया कि अमित शाह आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए दुष्प्रचार की राजनीति कर रहे हैं।
अमित शाह का बयान और विवाद
अमित शाह (Amit Sah) ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि कुछ राजनीतिक दल घुसपैठियों को वोट बैंक के रूप में देखते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि गुजरात और राजस्थान की सीमाओं पर घुसपैठ क्यों नहीं होती। साथ ही, उन्होंने दावा किया कि भारत में मुस्लिम आबादी में 24.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि हिंदू आबादी में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। शाह ने इस असंतुलन का कारण पाकिस्तान और बांग्लादेश से हो रही अवैध घुसपैठ बताया।
कांग्रेस का पलटवार और तीखी आलोचना
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इस बयान पर सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर हमला करते हुए कहा कि शाह मतदाताओं का ध्रुवीकरण कर रहे हैं और हिंदू-मुस्लिम विवाद को हवा दे रहे हैं। उन्होंने पूछा कि अगर मुस्लिम आबादी घुसपैठ के कारण बढ़ी है, जैसा शाह दावा कर रहे हैं, तो पिछले 11 सालों में शाह और उनकी सरकार क्या कर रही थी?
खेड़ा ने आगे कहा कि शाह को जल्द ही एहसास हुआ कि वह गृह मंत्री हैं, इसलिए उन्होंने अपना बयान सोशल मीडिया से हटा लिया।
सांख्यिकी और तर्क
- 2005 से 2013 के बीच यूपीए सरकारों ने 88,792 बांग्लादेशी नागरिकों को निर्वासित किया।
- भाजपा शासन के 11 वर्षों में यह संख्या 10,000 से भी कम रही।
कांग्रेस ने इसको लेकर तंज कसा, “खाली बर्तन ज्यादा खड़कते हैं।”
जयराम रमेश का बयान और गंभीर आरोप
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अमित शाह “वेपन ऑफ मास डिसइनफॉरमेशन” और “वेपन ऑफ इंटिमिडेटरी मास पोलराइजेशन” का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसे बयान देश में साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाते हैं, जबकि गृह मंत्री का काम शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखना होना चाहिए।
शाह कौन सी जाति होती है?
बुंदेलखंड जैन समुदाय में, ससुर (या बेटे/बेटी के ससुर) को “साहाजी” कहा जाता था। इस प्रकार “शाह” आदि शब्द व्यापारिक समुदाय के एक सम्मानित सदस्य को दर्शाते हैं। आजकल इसका प्रयोग गुजराती व्यापारिक समुदायों द्वारा किया जाता है।
Read More :