टाटा और LG की लिस्टिंग
नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार में अगले सप्ताह दो बड़ी लिस्टिंग होने जा रही हैं, जो दुनिया के सबसे आकर्षक इक्विटी बाज़ारों में से एक के रूप में भारत की मजबूती का लिटमस टेस्ट होंगी। टाटा कैपिटल लिमिटेड (Tata Capital Limited) और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड (LG Electronics India Limited) की लिस्टिंग न केवल इन कंपनियों की सफलता तय करेगी, बल्कि भारत में आने वाले सैकड़ों IPOs के लिए भी एक मिसाल कायम करेगी। हाल के हफ्तों में आईपीओ की बढ़ती संख्या इस उम्मीद को जन्म देती है कि 2025 में भारतीय कंपनियों द्वारा प्राइमरी मार्केट से जुटाई गई कुल राशि पिछले साल के 21 अरब डॉलर के रिकॉर्ड को पार कर सकती है।
टाटा कैपिटल और LG IPO का ऐतिहासिक प्रदर्शन
हाल ही में, टाटा समूह की फाइनेंस कंपनी टाटा कैपिटल ने आईपीओ के माध्यम से 155 अरब रुपये (1.7 अरब डॉलर) जुटाए हैं, जो इस वर्ष का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है। इसके बाद दक्षिण कोरिया की एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स की भारतीय इकाई का आईपीओ पिछले 17 सालों में बिलियन प्लस कैटेगरी में सबसे सफल आईपीओ रहा है।
एलजी का आईपीओ 54.02 गुना सब्सक्राइब हुआ, जिसके लिए 4.39 लाख करोड़ रुपये की बिड्स मिलीं। यह जबरदस्त सब्सक्रिप्शन दर 2008 में रिलायंस पावर के IPO के बाद अरब डॉलर के IPOs में दूसरी सबसे बड़ी है। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि देश में लिक्विडिटी और आम लोगों का शेयर बाजार में बढ़ता निवेश भारत को पूंजी जुटाने का एक प्रमुख वैश्विक केंद्र बना रहा है।
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अक्टूबर का रिकॉर्ड और बाज़ार की उम्मीदें
टाटा और एलजी के इन बड़े आईपीओ के साथ, अक्टूबर का महीना भारत के आईपीओ इतिहास का सबसे बड़ा महीना बनने की राह पर है, जिसमें 5 अरब डॉलर से अधिक की पूंजी जुटाए जाने की उम्मीद है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, बाजार विश्लेषकों का मानना है कि यदि इन बड़े IPOs में से कम से कम एक की शुरुआत अच्छी होती है, तो आने वाले महीनों में बड़े IPOs की एक नई लहर देखने को मिल सकती है। कंपनियां निवेशकों की मजबूत भावनाओं और रिकॉर्ड लिक्विडिटी का फायदा उठाने के लिए तेजी दिखाएंगी।
हालांकि, यदि लिस्टिंग के दौरान कोई भी कमजोरी का संकेत मिलता है, तो यह उम्मीदें जल्दी ही धूमिल हो सकती हैं और कई आगामी IPOs में देरी हो सकती है। शुक्रवार तक ग्रे मार्केट में, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के शेयर IPO मूल्य से लगभग 30% ऊपर कारोबार कर रहे थे, जबकि टाटा कैपिटल के शेयर मामूली बढ़त पर थे, जो निवेशकों के उत्साह को दर्शाता है।
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का आईपीओ पिछले 17 साल में क्यों सबसे सफल रहा?
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का आईपीओ 54.02 गुना सब्सक्राइब हुआ और इसे 4.39 लाख करोड़ रुपये की बोलियां (बिड्स) मिलीं। अरब डॉलर के IPOs की श्रेणी में यह सब्सक्रिप्शन दर 2008 में रिलायंस पावर के IPO के बाद दूसरी सबसे बड़ी है, जो इसकी जबरदस्त सफलता का मुख्य कारण है।
इन बड़ी लिस्टिंग को भारतीय बाजार की ‘सबसे बड़ी परीक्षा’ क्यों कहा जा रहा है?
इन लिस्टिंग को परीक्षा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इनकी सफलता या विफलता यह तय करेगी कि भारत का शेयर बाजार कितना मजबूत है। यदि इनकी लिस्टिंग अच्छी होती है, तो यह अन्य सैकड़ों बड़ी कंपनियों को अपने आईपीओ लाने के लिए प्रोत्साहित करेगा और 2025 में पूंजी जुटाने के रिकॉर्ड को तोड़ने में मदद करेगा। यदि लिस्टिंग कमजोर रही, तो आगामी IPOs में देरी हो सकती है।
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