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Breaking News: Retail Inflation: खुदरा महंगाई 8 साल के निचले स्तर पर

Dhanarekha
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Breaking News: Retail Inflation: खुदरा महंगाई 8 साल के निचले स्तर पर

कीमतों में गिरावट से आम आदमी को राहत

नई दिल्ली: देश में खुदरा महंगाई(Retail Inflation) सितंबर 2025 में घटकर 1.54% पर आ गई है, जो पिछले आठ वर्षों में सबसे निचला स्तर है। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय(MoSPI) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, अगस्त के 2.07% के मुकाबले यह 0.53% कम है। महंगाई में यह गिरावट मुख्यतः सब्जियों, तेल, दालों, फलों, अनाज और ईंधन की कीमतों में कमी की वजह से आई है। इससे आम जनता को थोड़ी राहत मिली है

खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बड़ी गिरावट

सबसे बड़ी राहत देने वाला पहलू खाद्य महंगाई रही, जो लगातार चौथे महीने निगेटिव दर्ज की गई। कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स(CFPI) सितंबर में -2.28% रहा, जो दिसंबर 2018 के बाद सबसे कम है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह -2.17% और शहरी इलाकों में -2.47% रही। सरकार का कहना है कि सब्जियों और खाने के तेलों के दाम घटने से यह गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा दालों और अनाजों की कीमतें भी स्थिर रही हैं।

ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें

महंगाई(Retail Inflation) में इस भारी गिरावट के बाद अब उम्मीद जताई जा रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत ब्याज दरों में कमी कर सकता है। ऐसा होने पर होम लोन और पर्सनल लोन की ईएमआई घट सकती है, जिससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी। आरबीआई का लक्ष्य महंगाई को 2% से 6% के दायरे में रखना है, जबकि 1.54% का यह आंकड़ा उस दायरे से भी नीचे चला गया है।

ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में गिरावट

सितंबर में ग्रामीण महंगाई घटकर 1.07% रह गई, जो अगस्त में 1.69% थी। वहीं शहरी क्षेत्रों में यह 2.04% पर आ गई, जो पहले 2.47% थी। हाउसिंग सेक्टर में थोड़ी तेजी दर्ज की गई और महंगाई 3.98% तक पहुंच गई। शिक्षा क्षेत्र में यह घटकर 3.44% और स्वास्थ्य सेवाओं में 4.34% रही। परिवहन और संचार में 1.82% तथा ईंधन व बिजली में 1.98% की महंगाई दर्ज की गई।

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राज्यों में महंगाई का अलग-अलग असर

राज्यों के स्तर पर केरल में सबसे अधिक 9.94% महंगाई दर्ज की गई। इसके बाद हिमाचल प्रदेश में 2.98%, तमिलनाडु में 3.09%, उत्तराखंड में 3.77% और जम्मू-कश्मीर में 4.79% रही। वहीं उत्तर प्रदेश में -1.21%, तेलंगाना में -0.29% और मध्य प्रदेश में -0.05% की नकारात्मक महंगाई दर्ज की गई। नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस ने बताया कि देशभर के 1,181 गांवों और 1,114 शहरी बाजारों से आंकड़े जुटाए गए हैं।

महंगाई दर घटने से किन चीजों पर असर पड़ेगा?

महंगाई घटने से ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ जाती है। इससे होम लोन, कार लोन और अन्य ऋणों की ईएमआई कम हो सकती है। साथ ही उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति में सुधार होगा और बाजार में मांग बढ़ सकती है।

किन राज्यों में कीमतों में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई?

सबसे अधिक कमी उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में रही, जहां महंगाई दर नकारात्मक रही। इन राज्यों में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिली है।

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