पटना बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन में सीट बंटवारे (Seat Sharing) को लेकर जारी रस्साकशी अब लगभग समाप्ति की ओर है। राजद और कांग्रेस (RJD and Congress) के बीच लंबे समय से चल रही बातचीत अब समझौते के नजदीक पहुंच गई है। गठबंधन के सभी घटक दलों की रजामंदी के आधार पर सीटों का फार्मूला लगभग तय कर लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार की शाम तक महागठबंधन संयुक्त रूप से सीटों का औपचारिक एलान कर सकता है।
दिल्ली में हुई अहम बैठक, तेजस्वी ने रखा सीटों का प्रस्ताव
सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट (Avenue Court) में पेशी के बाद शाम करीब चार बजे तेजस्वी यादव कांग्रेस नेताओं से मिलने पहुंचे। उनकी पहली मुलाकात कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के.सी. वेणुगोपाल से हुई, जो करीब 35 मिनट तक चली। इस दौरान तेजस्वी ने सीट बंटवारे का प्रस्तावित गणित उनके सामने रखा। सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी ने कांग्रेस को 55 सीटें देने का प्रस्ताव रखा था, जिसे वेणुगोपाल ने अस्वीकार कर दिया। उन्होंने दलील दी कि हाल के महीनों में बिहार में कांग्रेस का जनाधार बढ़ा है, ऐसे में पार्टी को कम से कम 65 सीटें मिलनी चाहिए।
राजद 135 और कांग्रेस 60 सीटों पर लड़ेगी चुनाव
लंबी चर्चा के बाद तेजस्वी ने संकेत दिया कि कांग्रेस को अधिकतम 60 सीटें दी जा सकती हैं। देर शाम उनकी मुलाकात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी हुई, जहां दोनों नेताओं के बीच लगभग सहमति बन गई। सूत्रों के मुताबिक, अंतिम फार्मूले के अनुसार राजद 135 सीटों पर और कांग्रेस 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। अन्य सहयोगी दलों को उनकी राजनीतिक ताकत और जनाधार के आधार पर सीटें आवंटित की जाएंगी।
छोटे दलों के लिए भी बनी सहमति
राजद-कांग्रेस के अलावा वाम दलों और अन्य घटक दलों के हिस्से की सीटें भी लगभग तय हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार, भाकपा (माले) को 19, वीआईपी को 15, सीपीआई (एम) को 6 और सीपीआई को 4 सीटें मिलने की संभावना है। शेष चार सीटों और अपने कोटे की कुछ सीटों में राजद राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा और आईपी गुप्ता की पार्टी को भी समायोजित कर सकती है।
मंगलवार शाम हो सकता है औपचारिक एलान
महागठबंधन के नेताओं के बीच लगातार बातचीत जारी है और अब सीट बंटवारे की घोषणा मंगलवार की शाम तक होने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि दोनों प्रमुख दल समझौते के मूड में हैं ताकि गठबंधन में एकता का संदेश जनता तक पहुंचे और एनडीए के मुकाबले संयुक्त मोर्चा पेश किया जा सके।
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