हैदराबाद : तेलंगाना स्टेट कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (TSCPCR ) ने यहां सैदाबाद में सरकारी चिल्ड्रन्स होम में पूरी जांच और पूछताछ की। इस दौरान, कमीशन के सदस्यों और स्टाफ ने इंस्टीट्यूशन में रहने वाले बच्चों (Children) से बातचीत की ताकि उनके रहने के हालात, भलाई और पूरी सुरक्षा का पता लगाया जा सके।
भलाई से जुड़े सभी नियमों और स्टैंडर्ड का पालन वेरिफाई करना
जांच का मुख्य मकसद बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा पक्का करना और बच्चों की भलाई से जुड़े सभी नियमों और स्टैंडर्ड का पालन वेरिफाई करना है। इंस्पेक्शन के हिस्से के तौर पर, कमीशन ने मौजूद सुविधाओं की जांच की, स्टाफ से बातचीत की, और देखभाल और मैनेजमेंट के तरीकों का रिव्यू किया ताकि यह पक्का हो सके कि बच्चों को सुरक्षित, हेल्दी और अच्छा माहौल दिया जा रहा है।
रिपोर्ट बाल कल्याण विभाग के सेक्रेटरी को सौंपी जाएगी
ऑब्जर्वेशन और बातचीत के आधार पर, कमीशन अपने नतीजों और सुझावों वाली एक डिटेल्ड रिपोर्ट तैयार करने की प्रोसेस में है। यह सही कार्रवाई के लिए महिला और बाल कल्याण विभाग के सेक्रेटरी को सौंपी जाएगी।
बाल अधिकार आयोग क्या है?
National Commission for Protection of Child Rights भारत सरकार द्वारा गठित एक स्वायत्त संस्था है, जिसका उद्देश्य देश में बच्चों के अधिकारों की रक्षा और उनका संवर्धन करना है। यह आयोग 2007 में स्थापित हुआ था और इसका काम यह सुनिश्चित करना है कि 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों को उनके अधिकार और सुरक्षा मिले, जैसा कि संविधान और कानूनों में दिया गया है।
चाइल्ड राइट्स क्या है?
चाइल्ड राइट्स यानी बच्चों के अधिकार ऐसे मौलिक अधिकार हैं जो प्रत्येक बच्चे को उसके विकास, सुरक्षा, शिक्षा और सम्मानजनक जीवन के लिए आवश्यक होते हैं।
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