बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने अपने सभी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। गुरुवार देर शाम पार्टी ने अपनी दूसरी सूची जारी करते हुए 44 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया। इससे पहले बुधवार को पहली लिस्ट (First List) में 57 उम्मीदवारों की घोषणा की गई थी। इस तरह जेडीयू ने कुल 101 सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर दिए हैं — जो गठबंधन में उसके हिस्से की सभी सीटें हैं।
37 विधायकों पर दोबारा भरोसा, 7 का कटा टिकट
इस बार जेडीयू ने नए और पुराने चेहरों के बीच संतुलन साधने की कोशिश की है। पार्टी ने कुल 37 मौजूदा विधायकों को फिर से टिकट दिया है, जबकि 7 विधायकों का टिकट काटा गया है। इनमें सबसे बड़ा नाम गोपालपुर के विवादित विधायक गोपाल मंडल का है। उनका टिकट काटकर पार्टी ने बुलो मंडल को उम्मीदवार बनाया है।
दिलीप , अमन भूषण हजारी सहित कई दिग्गजों का टिकट कटा
सुरसंड से दिलीप राय, त्रिवेणीगंज से वीणा भारती, अरवल से अमन भूषण हजारी, बारारी से अशोक कुमार, डॉ. संजीव सिंह, राजीव सिंह और सुदर्शन कुमार के टिकट भी काटे गए हैं। जेडीयू ने इन सीटों पर नए चेहरों को मौका देकर यह साफ संकेत दिया है कि इस बार टिकट सिर्फ परफॉर्मेंस और संगठन निष्ठा के आधार पर दिए गए हैं।
13 महिलाओं और 4 अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को टिकट
नीतीश कुमार की पार्टी ने इस बार 13 महिलाओं और 4 अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इनमें मंत्री लेशी सिंह, शीला मंडल, मीना कामत और शालिनी मिश्रा जैसी जानी-मानी महिला नेता शामिल हैं।
साथ ही, नए चेहरों को भी बड़ा मौका दिया गया है —
- बसपा छोड़कर आए मंत्री जमा खान को चैनपुर से
- राजद से आए चेतन आनंद को नवीनगर से
- विभा देवी को नवादा से टिकट मिला है।
वहीं, निर्दलीय विधायक सुमित सिंह को इस बार जेडीयू ने अपने चिह्न पर उम्मीदवार बनाया है।
वंशवाद और बगावत दोनों को साधने की रणनीति
दिलचस्प बात यह है कि जेडीयू ने इस बार वंशवाद और बगावत दोनों को साधने की रणनीति अपनाई है। सिकटा सीट से पूर्व विधायक दिलीप वर्मा के बेटे समृद्ध वर्मा को टिकट दिया गया है। वहीं, पार्टी छोड़कर राजद में शामिल हुए नेताओं की जगह नए चेहरों को मौका मिला है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, टिकट बंटवारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की निर्णायक भूमिका रही। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार ने हर उम्मीदवार के रिपोर्ट कार्ड और इलाके की राजनीतिक स्थिति की खुद समीक्षा की।
2020 में 115 सीटों पर लड़ी थी जेडीयू
2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 43 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार पार्टी 101 सीटों पर मैदान में है, लेकिन उसकी रणनीति स्पष्ट है —
कम सीट, मजबूत उम्मीदवार और गठबंधन की एकजुटता।
नाराज नेता कर सकते हैं बगावत
नीतीश कुमार की टीम को भरोसा है कि इस बार एनडीए के नए समीकरण और उनके नेतृत्व की स्थिरता के सहारे पार्टी पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन करेगी। हालांकि, जिन विधायकों के टिकट कटे हैं, उनमें से कुछ नाराज नेता बगावत के मूड में बताए जा रहे हैं, जिससे जेडीयू को अंदरूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
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